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सत्य नारायण वर्मा का आलेख 'गाँधी की हत्या का रोमांच'।

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  महात्मा गाँधी   महात्मा गाँधी की विडम्बना यह रही कि जीवन भर अहिंसा की वकालत करने के बावजूद उनके जीवन का अन्त हिंसा (यानी हत्या) द्वारा ही हुआ। गाँधी जी के जीवन में उनकी नीतियों से असहमत लोगों ने उनकी हत्या के कम से कम पाँच बार प्रयास किए। नाथूराम गोडसे और उनके सहयोगियों द्वारा गाँधी जी की हत्या के ऐसे तर्क दिए गए जो आज भी आर एस एस और दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोगों द्वारा बार बार दोहराए जाते हैं। हालांकि ऐतिहासिक रूप से तहकीकात करने पर वे तर्क आधारहीन साबित हुए हैं। खैर घृणा और बदले की विचारधारा के लिए तर्क , ज्ञान और इतिहास का कोई मतलब नहीं होता। आज पहली बार पर हम प्रस्तुत कर रहे हैं सत्य नारायण वर्मा और का आलेख ' गाँधी की हत्या का रोमांच ' ।   गांधी की हत्या का रोमांच   सत्य नारायण वर्मा    वर्ष 2019 में शहीद दिवस पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में गांधी के चित्र पर किसी संगठन की महिला नेता द्वारा नकली रिवोल्वर से गोली मारने और चित्र के नीचे खून की तस्वीर के साथ गोड़से अमर रहें के नारे सोशल मीडिया पर वायरल हुए। सरकार ने घटना के लिये जिम्मेदार लोगों के