दीपेन्द्र सिवाच की रिपोर्टिंग 'ये अमावस की स्याह रात का महा उत्सव है'

माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। कुम्भ मेले का इसी दिन मुख्य स्नान पर्व होता है। इस दिन लोग करोड़ों की संख्या में संगम तट पर स्नान करने की आकांक्षा रखते हैं। इस दिन की भीड़ को संभालना हमेशा ही प्रशासन के लिए सिरदर्द होता है। 'आकाशवाणी' यहां आ कर 'कुम्भवाणी' में बदल जाती है। दीपेन्द्र सिवाच एक लम्बे अरसे तक आकाशवाणी इलाहाबाद से जुड़े रहे। इस क्रम में कुम्भ मेले की रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी भी उन्होंने संभाली है। 2019 में इलाहाबाद में अर्द्ध कुम्भ का आयोजन किया गया। 4 फरवरी 2019 को मौनी अमावस्या का दिन था। इस दिन आकाशवाणी की तरफ से कुम्भ मेले की रिपोर्टिंग के लिए दीपेन्द्र संगम क्षेत्र गए थे और जो आंखों देखी थी उसे दर्ज किया था। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं दीपेन्द्र सिवाच की रिपोर्टिंग 'ये अमावस की स्याह रात का महा उत्सव है'। महाकुम्भ विशेष : 10 'ये अमावस की स्याह रात का महा उत्सव है' दीपेन्द्र सिवाच जीवन के प्रति अपने नज़रिए, रीति रिवाजों, परम्पराओं और मान्यताओं के कारण हम भारतीय पूरे संसार में यूं ही नहीं अनोखे समझे जाते हैं, ...