रामजी तिवारी की कहानी 'पीठा'
रामजी तिवारी रामजी तिवारी का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के तिवारी छपरा गाँव में 2 मई 1971 को एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। बलिया के ही सतीश चन्द्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय से रामजी ने राजनीतिशास्त्र में एम ए किया। आजकल भारतीय जीवन बीमा निगम की बलिया शाखा में कार्यरत हैं। कुछ कवितायेँ 'पाखी', 'परिकथा', 'कृति ओर' और समकालीन सोच में छपी है। कहीं भी प्रकाशित होने वाली यह इनकी पहली कहानी है। संपर्क- भारतीय जीवन बीमा निगम, बलिया, उत्तर प्रदेश. मोबाइल- 09450546312 ई-मेल: ramji.tiwari71@gmail.com blog : http://www.sitabdiyara.blogspot.com/ Mobile- 09450546312 कहानी पीठा जेठ में सिर्फ दो दिन बचे हैं और इन्हीं में से किसी एक दिन पीठा चढ़ाना है। कल या परसो। सुंदरी देवी परेशान हैं। सोचती हैं, अपने पति की बात को पहले ही ठुकरा दिया होता तो अच्छा होता। लेकिन वो उनके झाँसे में आ गई। यह बात तो वैसाख महीने में ही उनके कान में आ गई थी कि अपने पूत-भतार के लिए जेठ महीने में सवा किलो के हिसाब से गंगा मैया को पीठा चढ़ाना है। उन्होंने अपने