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अरुणेश शुक्ल का आलेख 'होना तो होने की तरह'

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  संजय मनहरण सिंह प्रेम जीवन का सबसे स्थाई और मजबूत राग है। जहां प्रेम है, वहां जीवन है। जहां प्रेम नहीं, वहां जीवन उस नैराश्य में तब्दील हो जाता है जो जीवन हो कर भी निर्जीव की तरह होता है। प्रेम के लिए व्यक्ति यानी कि देह जरूरी है। निर्गुण प्रेम की बात अलग है।  इस बार अरुणेश ने अपने मूल्यांकन के लिए कवि संजय मनहरण सिंह का चयन किया है।  संजय ऐसे कवि हैं जिनके  लिए कविता एक ताप ही है जो देह के उहापोह के बीच प्यास का तिलिस्म रचती है। यानी कविता हमें जीवन में प्रेम व संवेदना रूपी जल की खोज की तरफ ले जाती है। देह के ऊहापोह के बीच प्यास का तिलिस्म। हाल ही में संजय का पहला कविता संग्रह 'देह की लोरियां' प्रकाशित हुआ है। बकौल अरुणेश शुक्ल इस संग्रह की कविताएं अनुभव एवं आस्वाद का अलग धरातल रचती हैं। तो आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं कवि संजय मनहरण सिंह की कविताओं पर युवा आलोचक अरुणेश शुक्ल का आलेख 'होना तो होने की तरह'। 'होना तो होने की तरह' अरुणेश शुक्ल   आज के इस कविता बाहुल्य समय में अच्छी, सघन और स्तरीय कविता किसी संग्रह के रूप में पा क...

अरुणेश शुक्ल का आलेख 'पहाड़/प्रेम /विरोध की अनिर्वचनीय कवि'

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  रुचि बहुगुणा उनियाल व्यक्तिगत अनुभूतियां अपने पीछे एक व्यापक फलक लिए होती हैं। चूकि ये अनुभूतियां समाज में रहते हुए ही अर्जित होती हैं इस वजह से इनका एक सार्वजनीन अभिप्राय होता है। इन्हीं अर्थों में महिला हो या दलित, आदिवासी हो या अल्पसंख्यक सबका अनुभव एक अलग आख्यान रचता है। रुचि बहुगुणा उनियाल ऐसी ही कवयित्री हैं जो पहाड़ी क्षेत्र में रहते हुए काव्य सृजन कर रही हैं। दूर से देखने पर पहाड़ भले ही लुभाते हों, वास्तविकता यह है कि पहाड़ी जीवन एक कठिन साधना का जीवन होता है। युवा आलोचक अरुणेश शुक्ल रुचि की कविताओं का मूल्यांकन करते हुए उचित ही कहते हैं कि 'रुचि बहुगुणा उनियाल इन कवियों में एक प्रमुख नाम है जिन्होंने अपने काव्य सौष्ठव, प्रेमिल संवेदनशील भाषा, वैचारिक परिपक्वता व सबसे बढ़कर पहाड़ी स्त्री के जीवन के प्रामाणिक यथार्थ वर्णन से अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी कविताओं में पहाड़, पहाड़ के रूप-रंग, सतरंगी धूप-छाँह, पहाड़ी जीवन के सुख-दुःख आदि गहरे तक अन्तर्विन्यस्त हैं और एक नयी अभिव्यक्ति पाते हैं।' अरुणेश हर महीने पहली बार के लिए एक कवि का आलोचनात्मक मूल्यांकन करेंगे। तो आइए...