सुधीर चंद्र की किताब ‘बुरा वक्त अच्छे लोग’ पर पुष्पेंद्र कुमार द्वारा लिखी गयी समीक्षा ‘असहमति का अधिकार’।

सुधीर चंद्र द्वारा एक किताब सम्पादित की गयी ‘ बुरा वक्त अच्छे लोग ’ । पुष्पेंद्र कुमार ने इस किताब की एक समीक्षा लिखी है । आज पह ली बार पर प्रस्तुत है सुधीर चंद्र की किताब ‘ बुरा वक्त अच्छे लोग ’ पर पुष्पेंद्र कुमार द्वारा लिखी गयी समीक्षा ‘ असहमति का अधिकार ’ । असहमति का अधिकार पुष्पेन्द्र कुमार वाल्तेयर का प्रसिद्ध कथन है - ‘हो सकता है मैं आपके विचारों से सहमत न हो पाऊं फिर भी विचार प्रकट करने के आपके अधिकारों की रक्षा करूँगा।’ दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ‘असहमति का अधिकार’। परन्तु उसकी रक्षा का प्रश्न क्यों? असल में स्वतंत्र विचारों को सजा देने का इतिहास सदियों पुराना है। विगत कुछ वर्षों में हमारे देश में जो घटनाएँ घटी हैं, वह असहमति के अधिकार को बुरी तरह से कुचलने की कोशिश रही है। परिस्थितियाँ एक सी नहीं रहीं, न ही उसके ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया। अभिव्यक्ति अपने सर्वाधिक बुरे दौर में है। ऐसे में हमें अपने वर्तमान की ऐतिहासिक अहमियत और उसके व्यावहारिक भविष्य को देखने और समझने की कोशिश करनी होगी। ‘बुरा वक्त, अच्छे लोग’ ऐसी ही पुस्त...