कुछ विदेशी कविताएं

जॉर्ज वालेस कुछ विदेशी कविताएं हिन्दी अनुवाद पंखुरी सिन्हा दुनिया में सब कुछ खरीदा जा सकता है लेकिन कुछ मनुष्य ऐसे भी होते हैं जिनसे उनकी खुद्दारी को नहीं खरीदा जा सकता। ऐसे कुछ लोग जीवन को अपनी शर्तों पर जीते हैं। वे मरण को वरते हैं लेकिन समझौतापरस्त जीवन को स्वीकार नहीं करते। ऐसे लोगों की गरीबी भी गर्वीली होती है। सभ्य बनाने के नाम पर पूरी दुनिया को गुलाम बनाने वाले ब्रिटिश राज का तिकड़म अन्ततः असफल हुआ और ऐसे गर्वीले लोगों ने ही आजादी का तराना बुलन्द किया। दरअसल यहीं वह मनुष्य दिखाई पड़ता है, वस्तुतः वह जो है। जॉर्ज वालेस की कविताएं इस मानवीय चरित्र को शिद्दत से रेखांकित करती हैं। पंखुरी सिन्हा खुद बेहतर हिन्दी कविताएं लिखती हैं और दुनिया भर के कवियों के हिन्दी अनुवाद कर हमें वैश्विक कविता से परिचित कराती रहती हैं। इस बार पंखुरी ने हमें अमरीकी कवि जॉर्ज वालेस, स्वीडिश कवि बेंगत ओ बोज्कुर्ंड और ब्रिटिश दक्षिण अफ्रीकी कवि हैरी ओवेन की कविताओं के हिन्दी अनुवाद उपलब्ध कराएं हैं। उनका अनुवाद प्रवहमानता लिए हुए होता है जिससे कविताएं अपने मूल भाव में प्रकट होती...