संदेश

अरूण होता लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अरूण होता का आलेख 'समकालीन कविता के आयाम: संदर्भ युवा पीढ़ी की कविता'

चित्र
समकालीन कविता के स्वर को प्रतिनिधि रूप से समझने की एक कोशिश दिखाई पड़ती है 'स्वर एकादश' में । इसमें ग्यारह कवियों की कविताओं को शामिल किया गया है । इसे संपादित किया है कवि राज्यवर्द्धन ने । इस संपादित संग्रह पर पहली बार पर आप पहले भी कुछ समीक्षाएँ पढ़ चुके हैं । इसी कड़ी में एक और समीक्षा लिखी है युवा आलोचक अरुण होता ने । तो आइए पढ़ते हैं अरुण होता की यह समीक्षा ।     समकालीन कविता के आयाम: संदर्भ युवा पीढ़ी की कविता अरूण होता आज के समय में जब परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व में विखराव की स्थिति पैदा हो रही है वही ग्यारह कवियों की चयनित और संपादित कविताओं की पुस्तक का प्रकाशन एक विशेष अर्थ रखता है। स्वर एकादश के प्रकाशन से यह भी सिद्ध होता है कि कविता जोड़ने का काम करती है। अक्सर युवा पीढ़ी के संबंध में संवादहीनता का आरोप लगाया जाता है, स्वर एकादश उस आरोप को भी खंडित करती है। ग्यारह कवि और प्रत्येक कवि के लिए ग्यारह पृष्ठों का स्पेस यह सिद्ध करता है कि कविता का जनतंत्र आज भी कायम है। ग्यारह कवियों के स्वर के माध्यम से युवा पीढ़ी का जनतंत्र आज भी कायम है। ग्यारह कवि...