गायत्री प्रियदर्शिनी की कविताएँ

चाँद हमेशा से कवियों के लिए आकर्षण का एक केन्द्र रहा है. नया से नया कवि भी इस चाँद पर अपनी कलम जरुर चलाता है. इसी चाँद और चाँदनी को ले कर गायत्री प्रियदर्शनी ने कुछ कविताएँ लिखी हैं जो हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. गायत्री की कविताएँ आप पहले भी इस ब्लॉग पर पढ़ चुके हैं. तो प्रस्तुत है गायत्री प्रियदर्शनी की कविताएँ चाँद और चाँदनी गायत्री प्रियदर्शनी (1) शान्त नीले समुद्र पर आलोक बरसाती हुई पीतवर्णी चाँदनी निश्शब्द झरती हुई उजियाली रात नभ में तैरता हुआ आधा चाँद होता है आभास थम गए हों सभी बाँटने के लिए साथ-साथ बीतते अहसासों के क्षण कोमल हमारे तुम्हारे साथ मौन मुखर भाव से ...