संदेश

सेरुआ लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सात विदेशी कवियों की कविताएं

चित्र
  ल्युदमिला चेबोतारेव   सच कहें तो यह दुनिया इंसानों के हाथ   का जादू ही है। दुनिया के हर इमारत , हर कल कारखाने की नींव इंसान ने ही रखी है। हाथ का स्नेहिल स्पर्श अपने आप में विशिष्ट होता है जो बहुत कुछ कह डालता है। सचमुच हाथ हमें वह ताकत देता है जिससे हम अपने सपनों या सोचे हुए में रंग भर सकें। चर्चित अमरीकी कवि रिचर्ड स्पीजैक की एक कविता है ' तुम्हारा हाथ ' । अपनी कविता में स्पीजैक लिखते हैं : ' तुम्हारा हाथ / क्योंकि ये सारी चीजें / एक किस्म की पहेली हैं / और सच भी / उन निश्चित बातों के बीच / जो रंगती है मेरा दिन / अदाएँ हैं तुम्हारी / या कि खुद तुम ही। ' यह कविता पढ़ कर मुझे हिन्दी के चर्चित कवि केदार नाथ सिंह की कविता ' हाथ ' याद आई :   उसका हाथ /   अपने हाथ में लेते हुए मैंने सोचा /   दुनिया को /   हाथ की तरह गर्म और सुंदर होना चाहिए।   पंखुरी सिन्हा ने इधर सात विदेशी कविताओं का अनुवाद किया है। स्पीजै...