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आबिदा अल ख़लीकी की कहानी 'स्वर्ग की राह'

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  आबिदा अल ख़लीकी   आबिदा अल ख़लीकी का जन्म 1965 में जोमबंग , पूर्वी जावा , इंडोनेशिया में हुआ था। अब तक उनके 9 उपन्यास , दो कहानी संग्रह और एक कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उनके उपन्यास Perempuan Berkalung Sorban पर बनी फिल्म को अत्यधिक सराहा गया है और उसे कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।   आबिदा के साहित्य में स्त्रियों , खासकर बहुपत्नी प्रथा और घरेलू हिंसा की शिकार स्त्रियों को आवाज़ मिलती है जो आज भी इंडोनेशियाई समाज में सीमांत पर पड़ी हैं।   पितृसत्तात्मक समाज में स्त्रियाँ दोयम दर्जे का जीवन जीने के लिए अभिशप्त होती हैं। पुरुष उन्हें अपनी संपत्ति समझते हैं और सम्पत्ति की तरह ही व्यवहार करते हैं। हमारे यहाँ तो पत्नी को जोरू कहने की परम्परा ही है और उसे जार और जमीन के साथ अरसे से रखा जाता रहा है। यह एक तथ्य है कि दुनिया भर में घरेलू हिंसा का अधिकाधिक शिकार ये स्त्रियाँ ही होती हैं। ये अपने उत्पीड़क मर्दों के साथ रहने की नियति लिए आती हैं और कष्टमय जीवन बिता कर इस दुनिया संसार को अलविदा कह ज...