रेखा चमोली की 'मेरी स्कूल डायरी'।

किसी भी समय और समाज में शिक्षक की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। वह पीढ़ियों को बनाने का काम करता है। एक चीनी कहावत याद आ रही है जिसमें यह कहा गया है : ' एक साल के लिए निवेश करना है तो फसल बोइए। दस साल के लिए निवेश करना है तो पेड़ लगाइए। सौ साल के लिए निवेश करना है तो बच्चों को पढ़ाइए। ' बेहतर शिक्षक बच्चों को पढ़ाने का ही काम नहीं करता बल्कि उसे रचनात्मक बनाने का प्रयास भी करता है। रचनात्मकता बच्चों को मौलिक सोच के लिए प्रेरित करती है। कवयित्री रेखा चमोली एक शिक्षक भी हैं। शिक्षण का काम उन्होंने दायित्वपूर्ण ढंग से किया है। इसी क्रम में रेखा चमोली ने बड़े रोचक तरीके से ' मेरी स्कूल डायरी ' लिखी है जो अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। यह डायरी रोचक है और इसे पढ़ते हुए एक उपन्यास जैसा ही आभास होता है। आज पहली बार पर प्रस्तुत है रेखा चमोली की ' मेरी स्कूल डायरी ' । मेरी स्कूल डायरी js[kk peksyh प्राथमिक शाला में रचनात्मक लेखन का आशय 03 अगस्त 2011 आज से प्रधानाध्यापिका दीदी श्रीमती रजनी बलू...