राहुल राजेश के कविता संग्रह पर कुलदीप शर्मा की समीक्षा 'कितनी जरूरी है मुस्कान!'

राहुल राजेश हमारे समय के चर्चित कवि हैं। उनके पास कविता के सघन बिम्ब हैं जो और कवियों से अलग हैं। कम से कम शब्दों में बातों को कह जाना ही कवि की कारीगरी होती है। कुलदीप शर्मा उनके बारे में लिखते हैं 'अपनी कविताओं में राहुल कहे से ज्यादा अनकहा छोड़ देते हैं। कविता में इस तरह से अनकहा छोड़ देने की कला कविता को ऐसी ताकत देती है कि अनकहा जो छूट जाता है, वह कहे से ज्यादा मुखर हो उठता है। इस छूट गये के कारण ही कविता की वीथिका में नये अर्थ की खोज की शुरुआत होती है। यहीं से कविता का पाठक के साथ एक संवेदनात्मक रिश्ता बनता है। पाठक के लिए यह रिश्ता बेहद खास होता है, आत्मीयता से लबालब।' राहुल राजेश का तीसरा कविता संग्रह 'मुस्कान क्षण भर' हाल ही में प्रकाशित हुआ है। कवि को संग्रह की बधाई एवम शुभकामनाएं। कुलदीप शर्मा ने इस संग्रह पर समीक्षा लिखी है। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं राहुल राजेश के कविता संग्रह 'मुस्कान क्षण भर' पर कुलदीप शर्मा की समीक्षा 'कितनी जरूरी है मुस्कान!' समीक्षा 'कितनी जरूरी है मुस्कान!' ('मुस्कान क्षण भर' पर बात) कुलदीप...