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श्रीप्रकाश मिश्र का आलेख 'यहां से नदी समुद्र बन जाएगी'

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  अजित पुष्कल इलाहाबाद अलग अलग पृष्ठभूमि वाले लेखकों का एक अल्हड़ शहर है। विभिन्न विधाओं में लेखकों ने लेखन कर इलाहाबाद की साहित्यिक दुनिया को समृद्ध किया है। अजित पुष्कल ऐसी ही शख्सियत थे, जिन्होंने अपने नाट्य लेखन से इलाहाबाद का गौरव राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया। यहां के लेखकों की अपनी एक सादगी भरी पहचान रही है। तड़क भड़क से दूर बिना किसी लिप्सा के अपना लेखन करना यहां की लेखकीय आदत में शुमार रही है। पुष्कल जी ने इस इलाहाबादी परम्परा को अपनी सादगी से वैभव प्रदान किया। बीते एक फरवरी 2025 को अजित पुष्कल का निधन हो गया। उनके न रहने से इलाहाबाद थोड़ा और विपन्न हुआ। कवि आलोचक श्रीप्रकाश मिश्र ने अपनी फेसबुक वॉल पर पन्द्रह खण्डों में 'स्मृतियों में बसा नगर : इलाहाबाद' शीर्षक से अजीत जी की स्मृतियों को शिद्दत से याद किया। पुष्कल जी की स्मृति को नमन करते हुए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं  श्रीप्रकाश मिश्र का आलेख 'यहां से नदी समुद्र बन जाएगी'।   स्मरण में है आज जीवन :  अजित पुष्कल  'यहां से नदी समुद्र बन जाएगी'  श्रीप्रकाश मिश्र एक जब मैं 1981 में  इलाहाबाद आया तो ...