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चंद्रभूषण तिवारी पर चंद्रेश्वर का आलेख एवम कविता

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चंद्रभूषण तिवारी    हिन्दी के मार्क्सवादी विचारकों में  आलोचक प्रोफ़ेसर चंद्रभूषण तिवारी का नाम अग्रणी है। उन्होंने 'वाम' जैसी धारदार पत्रिका का कुशल सम्पादन किया। हालांकि उनके सम्पादन में 'वाम' पत्रिका के केवल तीन अंक ही प्रकाशित हो पाए लेकिन ये तीन अंक हिन्दी की साहित्यिक पत्रकारिता के समूचे इतिहास में मील के पत्थर की तरह हैं। लघु पत्रिका आन्दोलन को दिशा देने में वाम की भूमिका ऐतिहासिक रही है। चंद्रभूषण जी की चर्चा एवम तारीफ कथा के सम्पादक मार्कण्डेय अक्सर किया करते थे। 'जनवादी लेखक संघ' के गठन में भी उनकी भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण थी। वे जनवादी मूल्यों की स्थापना और उनकी मजबूती के लिए आजीवन कार्य करते रहे। आज अगर चंद्रभूषण जी होते, तो 94 साल के होते। उनकी 94 वीं जयंती (15 जनवरी 2025) पर उन्हें नमन करते हुए आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं कवि चंद्रेश्वर का एक श्रद्धांजलि आलेख एवम उन्हीं पर लिखी एक कविता।  पारसमणि चंद्रभूषण तिवारी (जन्म:15 जनवरी 1931- मृत्यु: 06 जुलाई 1993) चंद्रेश्वर   प्रख्यात जनवादी आलोचक-चिंतक प्रोफ़ेसर डॉ. चंद्रभूषण तिवारी की आज...