हिमांगी त्रिपाठी की कविताएँ।

हिमांगी त्रिपाठी प्रेम दुनिया की सबसे सघनतम अनुभूति है । प्रेम एक मानवीय संघर्ष भी है जिसे समाज की प्रताडनाओं और दुत्कारों से गुजरना पड़ता है। प्रेम उन मानवीय बंधनों से आजाद होने की एक मुहिम भी है जिसे मनुष्य ने वर्जनाओं का नाम दे कर सीमित करने की प्रत्याशा में रोपित कर दिया था। प्रेम की यह सघनतम अनुभूति रचना में ढल कर सदियों से ले कर आज तलक रचनाकारों की रचना का विषय बनती रही है। कवि इन वर्जनाओं को ही अपनी कविता का विषय बना कर प्रतिपक्ष का एक पक्ष रचते हैं। ऐसा पक्ष जो प्रायः ही उपेक्षित कर दिया जाता है। हिमांगी की कविताओं के कथ्य और शिल्प में क्रमिक विकास सहज ही देखा जा सकता है। आज हिमांगी का जन्मदिन है। जन्मदिन की बधाई देते हुए 'पहली बार' ब्लॉग पर हम प्रस्तुत कर रहे हैं हिमांगी की कुछ नयी-नवेली कविताएँ। हिमांगी त्रिपाठी की कविताएँ हमारा प्रेम हमारा प्रेम उन जगमगाती किरणों की तरह है जो हर किसी छोर से घुस आती है बिना किसी रोक-टोक के जो हर महीन छेद को भी कर जाती है पार एक हल्की म...