संदेश

ज्योति चावला लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन्नू भंडारी से ज्योति चावला की बातचीत

चित्र
  मन्नू भंडारी   बीते 15 नवम्बर 2021 को प्रख्यात कहानीकार व उपन्यासकार मन्नू भण्डारी का निधन हो गया। मन्नू जी पचास के दशक की नई कहानी आन्दोलन से जुड़ी थीं। जीवन को देखने , मनोवैज्ञानिक रूप से समझने और उसे अभिव्यक्त करने का स्पष्ट नजरिया उन्हें और रचनाकारों से अलग खड़ा कर देता है।   मन्नू जी ने अनेक अप्रतिम कहानियाँ लिखीं। जिनमें कहानी ' एक प्लेट सैलाब ' (1962), ' मैं हार गई ' (1957), ' तीन निगाहों की एक तस्वीर ', ' यही सच है ', ' त्रिशंकु ', ' आंखों देखा झूठ ', ' अकेली ' महत्त्वपूर्ण हैं। आपका बंटी ( 1971),  एक इंच मुस्कान ( 1962), ' महाभोज ( 1979) उनके महत्त्वपूर्ण उपन्यास हैं।   ' यही सच है ' पर ' रजनीगंधा ' नामक फिल्म अत्यंत लोकप्रिय हुई थी और उसे 1974 की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।   2007 में ज्योति चावला ने मन्नू भंडारी से ' शब्द संगत ' के लिए एक साक्षात्कार ल...