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मिलजुल मन : किरदारों का आत्मीय अंतरंग

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  (चित्र में मृदुला गर्ग और अचला बंसल के साथ राकेश बिहारी) तमाम किन्तु-परन्तु के बावजूद पुरस्कारों के क्षेत्र में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की अपनी अलग महत्ता है. हर किसी को यह जानने की उत्सुकता रहती है कि इस वर्ष का पुरस्कार किसे दिया जा रहा है.'मिलजुल मन' उपन्यास पर मृदुला गर्ग को इस वर्ष का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया है. मृदुला जी के इस उपन्यास का चयन श्रेष्ठ हिन्दी कृति के लिए किया गया है. इस उपन्यास पर एक आलेख हमारे लिए लिखा है  आलोचक मित्र राकेश बिहारी ने. मृदुला जी को बधाई देते हुए हम प्रस्तुत कर रहे हैं राकेश बिहारी का आलेख 'मिलजुल मन :  किरदारों का आत्मीय अंतरंग' राकेश बिहारी किसी घोषित वाद के खांचे से बाहर रह कर अपने लेखन में मानवीय संबंधों की बारीक बुनाई के लिये जानी जाने वाली और ‘कठगुलाब’ तथा ‘अनित्य’ जैसे बहुचर्चित और बहुपठित उपन्यास की लेखिका मृदुला गर्ग का उपन्यास ‘मिलजुल मन’ जीवनी के रूप में उपन्यास और उपन्यास के रूप में जीवनी का एक जीवंत कथा संसार रचता है. उल्लेखनीय है कि ‘अनित्य’ के कथा विन्यास में जहां स्वतन्त्रता आ...