सलमान रिज़वी आज़मी

सलमान रिज़वी आज़मी जन्म स्थान- आजमगढ़ शिक्षा- मास्टर्स इन कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज़म ( मुंबई विश्वविद्यालय ) पत्रकारिता करते हुए देश के कई न्यूज़ चैनलों के साथ कार्यरत रह चुके हैं सामाजिक मुद्दों पर लेखन फ़िलहाल विदेश में दूसरी नौकरी से जुड़े हैं कभी कश्मीर की खूबसूरती को देख कर एक मुग़ल बादशाह ने कहा था- 'अगर दुनिया में कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।' आजादी के समय इस स्वर्ग को बंटवारे का दंश झेलना पड़ा और कश्मीर भी अनचाहे ही विभाजित हो गया। फिर एक समय ऐसा आया जब हमारा प्यारा कश्मीर, उसकी खूबसूरती, उसकी मेहमानवाजी यानी उसका सब कुछ दहशतगर्दी के आलम में ऐसे खो गया जैसे उसका वजूद ही खो गया हो। लेकिन कश्मीर का भी अपना दर्द है। वह अपनी शोख़ फ़िजाओं में जीना चाहता है। वह सारी सियासत को भुला कर उस दिल्ली यानी उस भारत का होना चाहता है जिसने उसे नामालूम कितने जख्म दिए हैं। युवा शायर सलमान रिज़वी आज़मी की कुछ इसी भावभूमि पर आधारित नज्में पेश हैं पहली बार के पाठकों के लिए। आप आगे भी इनकी नज्में पहली बार पर पढ़ते रहेंगे। ...