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युआल नोआ हरारी का आलेख 'कोरोना वायरस के बाद की दुनिया'।

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  युआल नोआ हरारी   कोरोना महामारी ने दुनिया को ' कोरोना पूर्व ' और ' उत्तर कोरोना ' युग में विभाजित कर दिया है। इसने मनुष्य की उस सामाजिकता पर प्रहार किया है जो उसे अन्य जीवों से अलगाता है और उसे एक संवेदनशील और विचारवान प्राणी बना देता है। हमने ' सोशल डिस्टेंसिंग ' पर अमल करना शुरू कर दिया है। ' वर्क फ्रॉम होम ' की नई दुनिया अब अस्तित्व में आयी है। दुनिया भर की सरकारें तरह तरह के एप्स लागू कर रही हैं जिससे लोगों के न केवल ' कोरोनाग्रसित ' या ' कोरोनामुक्त ' होने का पता लगाया जा सके बल्कि उनकी अन्य व्यक्तिगत गतिविधियों पर भी नज़र रखी जा सके। युवा इतिहासकार युवाल नोआ हरारी ने कोरोना वायरस के बाद की दुनिया पर विचार करते हुए एक महत्त्वपूर्ण आलेख लिखा है। यह आलेख वस्तुतः कोरोना की पहली लहर के समय लिखा गया था जिसे प्रख्यात समाचारपत्र ' फाइनेंशियल टाइम्स ' ने 20 मार्च 2020 को प्रकाशित किया था। इस महत्त्वपूर्ण आलेख का हिन्दी अनुवाद किया है राजेश प्रियदर्शी ने। इस आलेख को हमने पटना से छपने वाली पत्रिका ' सबाल्टर्न...