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कपिलदेव त्रिपाठी का आलेख 'राहुल राजेश की कविताएँ : जैसे स्वच्छ नदी की शांत धारा में नौकायन'

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  राहुल राजेश राहुल राजेश हमारे समय के महत्वपूर्ण कवि हैं। उनकी कविताएं जमीन से जुड़ी हुई वे कविताएं हैं जिन्हें पढ़ते हुए हम उस में खुद को पाते हैं, खुद की जीवन स्थितियों को पाते हैं और खुद की समस्याओं को पाते हैं। उनके अभी तक तीन संग्रह प्रकाशित हैं। सिर्फ़ घास नहीं’ (सन् 2013) में  प्रकाशित हुआ था। ‘क्या हुआ जो’ (2016), और ‘मुस्कान क्षण भर’  (2021) में प्रकाशित हुए और चर्चा के केन्द्र में रहे। आलोचक कपिलदेव त्रिपाठी ने राहुल के तीनों कविता संग्रहों के हवाले से उनका मूल्यांकन किया है। आइए आज पहली बार पर पढ़ते हैं कपिलदेव त्रिपाठी का आलोचनात्मक आलेख 'राहुल राजेश की कविताएँ : जैसे स्वच्छ नदी की शांत धारा में नौकायन'।   राहुल राजेश की कविताएँ : जैसे स्वच्छ नदी की शांत धारा में नौकायन कपिलदेव त्रिपाठी   इक्कीसवीं सदी में प्रकाश में आये हिंदी के युवा कवियों में राहुल राजेश सर्वथा नयी ऊष्मा से संपन्न एक प्रतिभाशाली कवि हैं। बीते आठ सालों में उनके तीन संग्रह आ चुके हैं। पहला , ‘ सिर्फ़ घास नहीं ’ सन् 2013 में साहित्य अकादेमी से प्रकाशित हुआ था। ‘ क्या हुआ जो ’ और ‘ ...