लाल बहादुर वर्मा का आलेख ‘प्रथम विश्व युद्ध जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।’

प्रोफ़ेसर लाल बहादुर वर्मा इसमें कोई दो राय नहीं कि मनुष्य इस धरती का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। यह सर्वश्रेष्ठता उसने अपने ज्ञान और कौशल के चलते हासिल की है। आज दुनिया की जो तस्वीर पूरी तरह बदल गयी है उसके पीछे मनुष्य के ज्ञान- विज्ञान की ही बड़ी भूमिका है। लेकिन तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी है। अपनी सर्वश्रेष्ठता जताने के लिए वह युद्ध की तरफ उन्मुख हुआ। आधुनिक दौर में जाने के बावजूद वह अपनी इस मनोग्रंथि से मुक्त नहीं हो पाया है। इसी वजह से दुनिया में आज भी युद्धों का दौर जारी है। इस क्रम में मानव इतिहास का प्रथम सर्वाधिक भीषण युद्ध प्रथम विश्व युद्ध था। दुनिया भर के राजनेताओं ने इसके बाद शान्ति बैठकें की और युद्ध को समाप्त करने के दिखावटी प्रयास किए। इसका अंजाम दुनिया को दूसरे विश्व युद्ध के रूप में भुगतना पड़ा। आज भी दुनिया में जगह जगह पर युद्ध लगातार हो रहे हैं। कब कौन सा युद्ध तीसरे विश्व युद्ध की शक्ल ले ले, कहा नहीं जा सकता। यानी कि बरबादियों के बावजूद हमने युद्धों से कोई सबक नहीं सीखा। पिछले वर्ष दुनिया ने प्रथम विश्व युद्ध की शतवार्षिकी मनाई। इस अवसर पर प्रख्यात इतिहासकार...