प्रकाश उदय
तनी जगइह पिया
-आहो- आहो... ...
रोपनी के रंउदल देहिया, सांझहीं निनाला
तनी जगइह पिया
जनि छोडि के सुतलके, सुति जइह पिया
-आहो- आहो... ...
हर के हकासल देहिया, सांझहीं निनाला
तनी जगइह धनी
जनि छोडि के सुतलके सुति जइह धनी
-आहो- आहो... ...
चुल्हा से चउकिया तकले
देवरू ननदिया तकले
दिनवा त दुनिया भर के, रतिए हउवे आपन
जनि गँवइह पिया
धइ के बंहिया प् माथ, बतियइह पिया
-आहो- आहो... ...
घर से बधरिया तकले
भइया भउजइया तकले
दिनवा त दुनिया भर के, रतिए हउवे आपन
जनि गंवइह धनि
धईं के बंहिया प् माथ, बतियइह धनी
-आहो- आहो... ...
दुखवा दुहरवला बिना
सुखवा सुहरवला बिना
रहिये ना जाला कि ना, कइसन दो त लागे
जनि सतइह पिया
कहियो रूसियो फुलियो जाईं त मनइह पिया
-आहो- आहो... ...
काल्हु के फिकिरिये निनिया
उडि जाय जो आँखिन, किरिया
आके पलकन के भिरिया, सपनन में अझुरइह पिया
सझुरइह धनी
जनि छोडि के जगल के सुति जइह धनी
-जनि छोडि के सुतल के सुति जइह पिया...
दुकान ह पंचर के ई पक्का
हैन्डिल-पैडिल टायर चक्का
दूकान ह ई पंचर के पक्का
ना कवनो पोस्टर ना कवनो पलानी
काठे के बक्सा बा नादे में पानी
लागे के दुई-चार टक्का
दूकान ह ई पंचर के पक्का
ओ से भरइब चवन्नी लगइब
अपने से भरब त उहो बचइब
पम्प बदे भइल धरम धक्का
दूकान ह ई पंचर के पक्का
डाक्टर वकील अफसर हीरो भा नेता
लाखन करोड़न में लेता आ देता
सुनियो के खाय ना सनक्का
दूकान ह ई पंचर के पक्का
तनि-तनि गलती प् नौ-नौ नतीजा
दुइ चेला - एक भैना, एगो भतीजा
बुढ़वा लगे मम्मा-कक्का
दूकान ह ई पंचर के पक्का
देसवा बंटा देले नेतवा अभागा
एके में बान्हे ए धंधा के धागा
दिल्ली लाहौर चाहे ढक्का
दूकान ह ई पंचर के पक्का
mobile- 09415290286
Navin Kumar नीमन लागल पढि के , दुनो के दुनो रचना प्रकास जी के एक दम खांटी आ आ रुनझुन बाडी स ! जहवा पंचर के पाका इलाज के एतना सरलता से इहा के बतवले बानी जवना से मय चीझु सोझा लउक जात बा ओजुगे एगो खेतिहर के अपना परिवार संगे बतकही आ बेरा अबेरा के एतना ना सुनर भाव मे इहा के देखवले बानी की ओह खाति कवनो सबद नईखे । सांचो बहुत नीमन लागल पढि के । धन्यबाद हमनी के भीरी एह दुनो अनमोल रचना के पहुंचावे खाति ।
जवाब देंहटाएंमा. नीलू पंडित- सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं जिसको देखा ही नहीं उसको ख़ुदा कहते हैं
जवाब देंहटाएंदिन भर के काम से थक के चूर होखला की बाद भी प्रेम- मनुहार में
जवाब देंहटाएंएतना मिठास आ गइल बा कि मन प्रसन्न हो गइल । कवि व संपादक दुनों बधाई स्वीकारें ।
ham dosto kee jab kabhi mahfil jamati hai to Uday ji ka yah geet jaroor gun-gunaaya jaata hai ..ek adbhut rachana
जवाब देंहटाएंRamakant Roy- मजा आ गइल पढ़ के।
जवाब देंहटाएंभोजपुरी क लोकप्रिय गीतन क फूहरपना से अलग परिवार क सादगी भरल प्रेम मन के छू गइल।
कवि लोग के सीख लेवे के चाही।
Nilay Upadhyay- bahut dino baad uday ki kavita padhane ko mili...bahut pyare kavi hai..unki kavita padhwane ke liye dhanywaad.
जवाब देंहटाएंDeepak Singh- सर अगर इन्हें सुनवा सकें तो क्या कहने ...खुद उदय जी बहुत अच्छा गाते हैं
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