सुरेश सेन निशान्त पर भरत प्रसाद का संस्मरण
सुरेश सेन निशान्त बीते 22 अक्टूबर 2018 को कवि सुरेश सेन निशान्त के न रहने की खबर पर सहसा यकीन ही नहीं हुआ । निशान्त हमारे समय के एक प्यारे कवि थे । विनम्रता उनकी पूँजी थी । वे कविता के लिए जैसे प्रतिबद्ध थे और कविता को ले कर उनसे घण्टों बात हो सकती थी. निशान्त सब से बढ़ कर एक उम्दा इंसान थे । उनका न रहना हम जैसे तमाम मित्रों के लिए एक अपूरणीय व्यक्तिगत क्षति है । मित्र भरत प्रसाद ने हमारे आग्रह पर पहली बार के लिए एक संस्मरण लिख भेजा है । निशान्त को श्रद्धांजलि देते हुए हम प्रस्तुत कर रहे हैं भरत प्रसाद का संस्मरण और निशान्त की कुछ कविताएँ । लोक सत्ता के प्रहरी की आहट जैसे ...