अनिल जनविजय का आलेख चेख़फ़ और अविलोवा
रूस के महान लेखकों के जीवन के दिलचस्प प्रसंगों को हिन्दी में हमारे सामने लाने का कार्य कवि अनिल जनविजय शिद्दत से कर रहे हैं. इस क्रम में हम पहली बार पर लेफ़ तलस्तोय की प्रेम कहानी पढ़ चुके हैं. आज इस कड़ी में एक और महत्वपूर्ण लेखक नाटककार और कहानीकार चेखफ़ के प्रेम-प्रसंग पर अनिल जनविजय का आलेख पहली बार के पाठकों के लिए प्रस्तुत है. तो आइये पढ़ते हैं अनिल जनविजय का यह आलेख 'चेखफ़ और अविलोवा'. चेख़फ़ और अविलोवा अनिल जनविजय बीसवीं सदी के चौथे दशक के अन्त में मास्को में एक वयोवृद्ध महिला रहती थीं। अक्सर बहुत से लेखक , साहित्यकार और विद्वान उनसे मिलने आत े रहते थे। इन सभी लोगों के बीच आम तौर पर चेख़फ़ की ही चर्चा हुआ करती थी। एक बार एक व्यक्ति ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा - हमने चेख़फ़ की पूरी ज़िन्दगी को छान मारा लेकिन हमें कहीं भी उनके जीवन में किसी गम्भीर प्रेम का संकेत नहीं मिला। हालाँकि दोस्तो , यह बात सच नहीं है क्योंकि उनके जीवन में भी ऐसी एक महिला थी , जिनसे चेख़फ़ प्रेम किया करते थे। वह वयोवृद्ध महिला भली-भांति इस बात को जानती थीं , क्योंकि बात ख़ुद ...