बोहमिल हराबल की चेक कहानी 'देवदूत'

 

Bohumil Hrabal


आज पहली बार पर हम चेक कहानी देवदूत प्रस्तुत कर रहे हैं। मूल चेक भाषा से इसका अंग्रेजी अनुवाद पॉल विल्सन ने किया है जबकि अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद किया है कवि श्रीविलास सिंह ने। श्रीविलास सिंह ने विश्व साहित्य के कुछ अनछुए पन्नों को सामने लाने का महत्त्वपूर्ण प्रयास किया है। कहानी को उसके मूल के भाव में अनुवादित करना श्रीविलास सिंह की खासियत है। तो आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं बोहमिल हराबल की चेक कहानी 'देवदूत'।



'देवदूत'

(चेक कहानी)


बोहमिल हराबल (1914-1997)


अंग्रेज़ी अनुवाद : पॉल विल्सन

अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद : श्रीविलास सिंह 



युवा सुरक्षाकर्मी कक्ष के बाहर उस जगह खड़ा था जहाँ वे फायर क्ले के पाइपों का भण्डारण करते थे। जब वह महिला कैदियों को फायर क्ले के बड़े-बड़े कन्डुइट उतारते हुए देख रहा था, उसका अंगूठा उस सैम ब्राउन बेल्ट में अटका हुआ था जिससे होल्सटर में रखा रिवाल्वर लटक रहा था। उसके बगल में विलो का एक वृक्ष - जिसका पुस्सी विलो (विलो वृक्ष से प्राप्त रुई जैसा फाइबर) हर बसंत मानवीय हाथों द्वारा नोच लिया जाता था - फिर से पहले की अवस्था में आने हेतु संघर्षरत था। सुरक्षाकर्मी ने युद्धकाल के कबाड़ के पहाड़ पर एक दृष्टि डाली, ढेर में आग से काले पड़ गए अस्पताल के बिस्तर, जली हुई एक्सरे मशीनें, कार्डियोग्राफ्स, और अन्य चिकित्सकीय उपकरण, और बेकार हो गए टाइपराइटर्स का एक ढेर, जो संभवतः, उसने अनुमान लगाया, टाइपराईटर के किसी कारखाने पर सीधे हमले का परिणाम था, और जिनकी कुंजियाँ सूरज के प्रकाश में किसी मृत व्यक्ति की खोपड़ी में मौजूद दाँतों की भांति चमक रहीं थी। अस्त-व्यस्त पत्रों के मध्य बिखरे हुए कांच के हरी आभा वाले नन्हें मनके, जो उस अग्निवर्षा के दौरान, जिसने हर चीज को - गली में लगे पत्थरों और स्वयं हवा को भी - स्वाहा कर दिया था, पिघल गयी खिड़की के काँच के अवशेष थे।  टाइपराइटरों के ढेर के ऊपर बच्चे का एक पालना पड़ा हुआ था और उसके सिरहाने पर संकरे पैदल पुल से हो कर खाई के पार जाती हुई सफ़ेद वस्त्र पहने एक लड़की की तस्वीर वाली टिन की रंगीन प्लेट लगी थी। लड़की के ऊपर मंडराता, लगभग उसकी पीठ को अपने हाथों से स्पर्श करता हुआ सा, श्वेत रंग का ही एक रक्षक देवदूत चित्रित था जिसके दो दुल्हनों जैसे दो विशाल पंख थे। 


युवा व्यक्ति का रंग कुछ पीलापन लिए हुए था, और उस के मुंह के दोनों ओर चाकू से लगे घावों के निशान जैसे गहरे कटाव थे। उसने तस्वीर पर दृष्टि डाली, जेब से एक घड़ी निकाली, एक क्षण को रुका, डायल पर एक नजर डाली, सामान्य दिनों की तरह वह आज भी आधे घंटे पीछे था। दो कामगार एक ट्रॉली को धकेल कर भंडार गृह की ओर ले गए थे और फायर क्ले कंडुएट्स को, जिन्हें महिला कैदियों ने उतारा था, व्यवस्थित ढंग से रख रहे थे। 


“श्रीमान,” एक महिला कैदी, जिसका नाम लेंका था, ने कहा, “इन लोगों को यह माल काफी दूर तक ले जाना है। क्या मैं उनकी मदद नहीं कर सकती? हमने अपना काम पूरा कर लिया है।”


“प्यारी नन्हीं देवदूत,” सुरक्षाकर्मी ने अपनी घड़ी जेब में रखते हुए और बैठने को चारपाई की ओर संकेत करते हुए कहा। 


“मेरे प्यारे नन्हें सुरक्षाकर्मी,” लेंका ने सुरक्षाकर्मी की ओर संकेत कर उसकी नक़ल करते हुए दुहराया। “क्या हमने कभी तुम्हारी चुगली की है?” उसने उसकी यूनिफॉर्म की बाँह छूते हुए फुसफुसा कर पूछा। 


“जाओ फिर,” वह चिल्लाया, “और बाकी तुम सब मालगाड़ी के इन खाली डिब्बों में झाड़ू लगा दो!” वह उन पर चिल्ला रहा था, किन्तु स्त्रियां जानती थी कि उसे ऐसा करते हुए बुरा लगता है।


“धन्यवाद,” लेंका ने कहा और वह भण्डारण गृह के शेड में चली गयी, उसकी मोटे सूती कपड़े की पैंट और सफ़ेद ब्लाउज छाया में गति कर रहे थे। चार मनोहारी सजायाफ्ता कैदी गाड़ी के डिब्बों में चढ़ गयी और उन्होंने चुपचाप गाना शुरू कर दिया : 


“तुम्हें देखे बिना एक दिन भी ऐसा है 

मानों हो एक साल 

कभी न बीतने वाली रात का......”





सुरक्षाकर्मी अपने को कबाड़ टाइपराइटरों के ढेर पर पड़े पालने में लगी रंगीन टिन प्लेट के विचार में पुनः डुबोने के लिए वापस मुड़ गया और जब उसने उसे निकाल कर अपनी सैम ब्राउन बेल्ट में खोंसा तो ऐसा लगा मानों वह बेल्ट का दोनों पंखों पर कसना और उन्हें कुचलना महसूस सा कर सकता था और तब उसे भान हुआ कि उसकी यूनिट के साथियों ने उसका नाम ‘रक्षक देवदूत’ किसी कारण से रखा था। 


“क्या तुम्हें मदद चाहिए?” लेंका ने पूछा। 


“यदि देवदूत ने अनुमति दे दी हो,” एटम प्रिंस ने कहा। 


“आओ हम एक मानव शृंखला बना लें,” मिस्टर हुलिकान ने कहा। 


“एक सौभाग्य की शृंखला। लेकिन कृपया पहले अपने दस्ताने उतार दो,” लेंका ने अत्यंत धीरे से कहा। 


“देह से देह तक की,” प्रिंस हँसा। 


उसने ढेर से कन्डुइट उठाये और लड़की को दे दिए।  जब उसने धारदार कंडुइट लिए तो धीरे से अपनी उंगलियां उसकी हथेली से रगड़ी और जब उसने उन्हें आगे मिस्टर हुलिकान को दिया उसने उसकी हथेली के पार्श्व को सहलाया। 


“यह आश्चर्यजनक है,” मिस्टर हुलिकान ने कहा। “इन दिनों जब मुझे भुगतान मिलता है, मुझे समझ नहीं आता कि क्या मैं पैसों को सीधे चूल्हे में डाल दूँ या उन्हें शराब पीने में उड़ा डालूँ।”


“उन्हें बचा कर रखो,” लेंका ने कहा, “और जब मेरा समय पूरा हो जाएगा, मुझे दे देना। मैं उनसे छोटी-मोटी मौज मस्ती करुँगी।”


“जब तक तुम यहाँ से बाहर निकलोगी,” मिस्टर हुलिकान ने कहा, “कौन जानता है मैं कहाँ रहूँगा। लेकिन मुझे यह समझाओ। पंद्रह वर्षों तक मैंने विभिन्न पब्स में बर्फ पहुंचाने का काम किया और हर पब में वे मुझे वह सब कुछ देते थे जो मैं खा पी सकता था।  यही नहीं एक गर्मीं में मैं काफी नगदी भी इकठ्ठा कर लेने में सफल रहा था, इतना कि मैं छः जोड़ी जूते और छः कार्टन सिगरेट खरीद सकता था।” मिस्टर हुलिकान ने यह सब गुस्से से कहा और जब वह ट्रॉली पर झुका, लेंका ने उसके सिर के ऊपरी हिस्से पर, जहाँ से उसके घने बाल दो भागों में बंटते थे, चुम्बन ले लिया। 


“कम से कम तुम्हें भुगतान तो मिलता है,” उसने कहा। 


“तुम अभी बस एक बछेड़ी हो,” मिस्टर हुलिकान ने तेज होती हुई आवाज में कहा। “लेकिन मैं उम्र के गलत अर्धशतक में हूँ।” उसने अपनी कुहनी से अपना पैंट ऊपर सरकाया जब कि वह नीचे नहीं सरक रहा था। “जब मैं ओरियन कैंडी फैक्ट्री में काम करता था, दोपहर के भोजन के लिए मैं लंच के डिब्बे में बादाम चॉकलेट और क्रीम उड़ेल लेता था और उसमें थोड़ी भाप डाल कर झाग बनाने के लिए मथता फिर कुछ बिस्कुट डाल देता और बस शानदार! और हम जो पार्टियां करते थे! हमारे पास उस स्टोर की एक डुप्लीकेट चाबी थी जहाँ वे शराब रखते थे। जब उन्होंने कुछ दिन बाद ताला बदल दिया, तब हमने शराब की खाली बैरल ली और उसमें गर्म पानी उड़ेल दिया और हिलाया। उस गर्म ताड़ी ने हमें हाथों और घुटनों के बल रेंगने पर मजबूर कर दिया था। और आज? देखो हम कहाँ आ कर पड़े हैं! मैं मुश्किल से भोजन और शराब के लिए कमा पाता हूँ। इस सबके मध्य परिवार के लिए कहाँ जगह है?” 


मिस्टर हुलिकान ने जल्दी से लेंका के हाथ से दो फायर क्ले कन्डुइट लिए और उन्हें ट्रॉली में रख दिया। 





सुरक्षाकर्मी टाइपराइटरों के ढेर पर पड़े पालने को ताकता टूटे हुए विलो के वृक्ष के सहारे झुका हुआ था। देवदूत उसे तस्वीर में खींच ले गया, उस पर जुड़वा पक्षियों जैसे बड़े पंख टांक दिए, और उसे यह जानने की संतुष्टि दे दी कि उसने भी किसी को अपने पंखों के नीचे ले रखा है, एक महिला कैदी को जो पिछले वर्ष ठण्ड के मौसम में रात्रि की शिफ्ट में कटीले  तारों के टूट जाने के दौरान गर्भवती हो गयी थी - उसके द्वारा नहीं बल्कि बाड़ के उस पार के किसी आदमी द्वारा। कटीले तारों ने उसके टखने को नुकसान पहुँचाया था और उसके नितम्बों पर भी कट गया था लेकिन उसके आँसुओं के पीछे से उसकी आँखें चमक रहीं थी।  और फिर पिछले पतझड़, जब एक जिप्सी लड़की ने अपनी तरफ की बाड़ में एक छेद बना लिया था और एक पुरुष ने, जो कोई जिप्सी ही रहा होगा, - वह जो भी रहा हो बहुत दृढ निश्चयी रहा होगा - अपनी तरफ की बाड़ में भी जमीन खोद डाली थी, और उसे गर्भवती कर दिया था।  तब अत्यंत तीव्र वर्षा हो रही थी और उस घटना का एकमात्र बचा हुआ साक्ष्य बाड़ के पास की पोली मिट्टी और उस गीली मिट्टी में बने उंगलियों के निशान थे। उसने बाद में जिप्सी लड़की को देखा था, जो अब भी मिट्टी में लिथड़ी हुई थी लेकिन उसकी आँखें दीप्तिमान थी। 


“प्रिंस,” लेंका ने धीरे से कहा, “ऐसे दिखाओ जैसे तुम्हारी आँख में कुछ पड़ गया हो।” उसने अपनी मध्यमा उंगली, जिससे रक्त बह रहा था, उठायी और युवक की तर्जनी को रक्त से भिगो दिया। 


“लेकिन मेरी आँखों में कुछ नहीं पड़ा है,” बौखलाए हुए प्रिंस ने कहा। 


“बेवकूफ मत बनो,” लेंका ने उसके पांव पर पांव मारा। वह कांप रही थी। “अच्छा तो फिर बताओ,” उसने कहा, “दुनिया में नया क्या हो रहा है?”


प्रिंस ने ढेर से कन्डुइट उठाना और उसे आगे बढ़ाना जारी रखा, और हर बार कैदी दोनों जोड़ी हाथों को सहलाती थी जब कि दस्तानों के तीन जोड़े पास के एक तख्ते पर बेकार पड़े हुए थे। ‘डेली वर्कर’ की एक प्रति एटम प्रिंस के लबादे से बाहर झांक रही थी और उसने यह कहते हुए अपनी जेब थपथपाई, “कुछ ख़ास नहीं सिवाय इसके कि एक नन्ही लड़की बेस्सी स्मिथ अश्वेत वेल्टरवेट विश्व चैम्पियन, वही सुअर जो सेन्ट्रल होटल में रहता है, को अपनी गुड़िया दिखाने गयी थी और फिर वह, वह नन्हीं बच्ची, कभी अपने घर वापस नहीं लौटी।”


“क्या उसके साथ कुछ दुर्घटना हो गयी?” लेंका ने पूछा। 


“सच्चाई यही है कि ऐसा हुआ था। उसका रक्षक देवदूत उसे छोड़ गया,” प्रिंस ने कहना जारी रखा, “यह कहा जा रहा है कि उन्हें नन्ही बेस्सी उन झाड़ियों में पड़ी मिली जो सेन्ट्रल होटल से बहुत दूर नहीं हैं, उसका गला एक रेशमी स्कार्फ से घोंट दिया गया था, लेकिन वेल्टरवेट चैम्पियन को अपने प्रशंसकों में उस नाम की किसी नन्ही लड़की का स्मरण नहीं है।  स्कॉटलैंड यार्ड ने एक जाँच शुरू की, लेकिन…. मेरी आँख में कुछ गिर गया है !” प्रिंस चिल्लाया। उसने फायर क्ले सिलिंडर नीचे गिरा दिए और अपनी आँख मसलने लगा। 


“उसकी आँख में धातु का एक टुकड़ा हैं चला गया है,” लेंका ने भण्डारण कक्ष से बाहर निकलते हुए कहा, “क्या मैं उसे निकालने में उसकी मदद कर सकती हूँ ? क्या मैं ऐसा कर सकती हूँ ?”





“करो जो कुछ करना है करो!” सुरक्षाकर्मी चिल्लाया। वह उसे दूर जाता हुआ देखता रहा और स्वयं को उसका अनुगमन करते हुए, अपने हाथों से उसकी पीठ के पास पकड़े हुए। उसने अपने सुरक्षादायक हाथों और उसकी संरक्षित कमर के मध्य फरिश्तों जैसी ऊर्जा की लहर सी अनुभव की, पालने में बनी हुई तस्वीर की भांति, और स्वयं को शिफ्ट समाप्त होने के पश्चात् महिला कैदियों को लकड़ी के पैदल पुल को पार कराते हुए वर्गीकरण यार्ड तक सुरक्षित पहुँचाते हुए देखा। वह अपने डैनों से पंखों का गिरना पहले से ही सुन सकता था, जुड़वां मनकों जैसे बड़े किन्तु सैम ब्राउन बेल्ट, जिससे उसकी रिवाल्वर बंधी हुई थी, द्वारा कस कर बंधे हुए।


मिस्टर हुलिकान सिगरेट पी रहे थे और कुछ झल्लाए हुए से उसी ट्रॉली पर बैठे थे जो फायर क्ले कंडुएट्स के साथ ठीक से रखी हुई थी। लेंका ने प्रिंस के घुंघराले बालों वाले सिर को अपनी बाँहों में ले लिया, अपने अंगूठे से उसकी पलक उठायी और उसे कस कर पकड़ लिया। 


“तुम्हारी आँखें बहुत सुन्दर हैं,” वह बुदबुदाई। 


“हाँ, निश्चय ही,” उसने कहा। 


“मेरे संग बस थोड़ा अच्छे से रहा करो। जीसस क्राइस्ट, मुझे एक आदमी चाहिए, दयालु ईश्वर, मुझे एक आदमी चाहिए,” वह फुसफुसाई, उसकी सांसें गर्म हो रहीं थी....... “अच्छा बताओ दुनिया में क्या कुछ नया है,” फिर उसने जोर से कहा। “अब ऊपर देखो - हाँ, ऐसे।”


“अमेरिकी कोरिया पहुँच गए हैं,” उसने कहा, “लेकिन उन्होंने मैक आर्थर को हटा दिया है, जो कि बहुत ख़राब बात है, क्योंकि वह एटम बम गिराना चाहता था।”


“अब नीचे देखो,” उसने अपना घुटना एटम प्रिंस की जांघों के बीच घुसेड़ते हुए कहा।  “बम गिराने से तुम्हें अच्छा लगेगा?”


“तुम मज़ाक तो नहीं कर रही,” एटम प्रिंस ने कहा। 


“नीचे जो लोग होंगे उनका क्या?” उसने अपना घुटना और ऊपर ठेलते हुए पूछा।


“जितने अधिक होंगे उतना अधिक मजा आएगा।”


“लेकिन लोग तो लोग हैं, क्या नहीं?” वह बुदबुदाई और पसीने की नन्ही बूंद उसके माथे पर से फिसलती हुई गिर पड़ी। “अब दायीं तरफ देखो - ऐसे।  लड़कियां जानना चाहती थी कि कल की रेस में जाटोपेक ने कैसा प्रदर्शन किया।”


“एक राष्ट्रीय दुर्घटना जैसा,” एटम प्रिंस ने कहा। “मैं कहूंगा कि वह बहुत भीड़ भरी रेस थी। पहले शेड, पीरी और चैटवे झुण्ड के आगे थे जबकि नंबर एक का दौड़ने वाला गेस्टन रीफ आगे निकल रहा था। लेकिन आठवें लैप के बाद, दिमाग झनझनाने लगा। जाटोपेक आगे जाने के लिए बहुत तेज दौड़ा, जैसा कि वह हमेशा करता है, लेकिन तभी मैमून आगे निकल गयी, दुर्भाग्य!”


“क्या जाटोपेक हार गया? हम सब उसके लिए शोर मचा रही थी!” लेंका ने कहा। उसने अपना रुमाल निकाला और उसके कोने को उसकी पलक के नीचे घुमाया।”


“जाटोपेक बहुत चालू शैतान है,” प्रिंस ने ऊबते हुए कहा। “ वह बिलकुल अंतिम क्षणों में गोली की तरह दौड़ा और ओलम्पिक रेकार्ड बना दिया।”


ओह, यह तो बढ़िया बात है,” लेंका फुसफुसाई। उसकी देह कांप रही थी मानों वह किसी सिलाई मशीन का ट्रेडिल चला रही हो। “यह कितनी बढ़िया बात है।”





“तुम्हें पता है, अमेरिकियों ने प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है वह उस बम से हजार गुना शक्तिशाली है जो उन्होंने हिरोशिमा पर गिराया था,” प्रिंस ने कहा। 


“बहुत हो गया अमरीकियों के बारे में,” लेंका ने कहा। “मैं उन्हें झेल चुकी हूँ। उनकी सारी बकवास कि हमें किस तरह कम्युनिस्टों का विरोध करना चाहिए, मुझे यहाँ जेल पहुंचा चुकी है, और पिछले हफ्ते वे स्वीडन से एक पूरी ट्रेन कच्चा लोहा लाये हैं और हमें उसे उस ट्रेन से उतारना है जिस पर ‘अमेरिकी अधिकृत क्षेत्र’ लिखा है.....” उसने लम्बी साँस ली और फिर कंपकपा उठी। उसने यह भी ध्यान नहीं दिया कि मिस्टर हुलिकान ने माचिस की बुझ चुकी चौथी तीली उसके सिर के उस पार फेंकी थी।  उन्होंने एक और सिगरेट जला ली थी और अभी भी जमीन की ओर देखते हुए उसी ट्राली के किनारे पर बैठे थे, मानों वे भाग्य के साथ सिर लड़ा रहे हों। फिर उन्होंने अपनी सिगरेट फेंक दी और नीचे कूद गए। 


“मेरा रक्षक देवदूत मुझे त्याग चुका है,” मिस्टर हुलिकान ने कहा। वे भंडार गृह से बाहर चले गए, सुरक्षाकर्मी से भी वही दुहराते हुए कि, “मेरा रक्षक देवदूत मुझे त्याग चुका है! मेरी आदत थी कि या तो मुझे जरुरत का सामान दिया जाता था अथवा जो मुझे जरुरत होती थी उसे मैं चुरा लिया करता था। लेकिन यहाँ? मैं सुमावा के जंगलों में काम करता हुआ बेहतर था। कम से कम हमारे पास पीने को पर्याप्त सामान हुआ करता था। रूसियों ने मुझे सिखाया था कि डीनेचर्ड एल्कोहल किसी छिछले गड्ढे में उड़ेल कर उसमें आग लगा दो और फिर लपटों को कम्बलों से बुझा दो...... इससे गड्ढे का एल्कोहल पीने योग्य देशी शराब में बदल जाता था। किन्तु अंतिम तिनका जो मुझे इन सब नपुंसकों के मध्य ले आया वह था जब मैंने उस घोड़े को मार डाला जिसकी सहायता से मैं अपनी गाड़ी से लोगों तक बर्फ पहुँचाया करता था। उन्होंने मुझे काम से निकाल दिया। और वही समय था जब मेरे रक्षक देवदूत ने मुझे मुसीबत में छोड़ दिया,” मिस्टर हुलिकान ने सीधे सुरक्षाकर्मी से मुखातिब हो कर कहा। 





“निकल गया,” लेंका चिल्लाई और वह अपनी रुमाल के कोने पर प्रिंस की आंख से निकले अस्तित्वहीन धातु के कण को लिए भंडार गृह से बाहर आ गयी। उसने एक गहरी साँस छोड़ी जो उसके गले से सीधे आयी थी, जब कि अन्य महिला कैदी डिब्बों की सफाई किये जा रहीं थी। लेकिन सुरक्षाकर्मी ने कुछ नहीं सुना। वह भंडार गृह के बाहरी भाग को घेरे गर्म तख्तों पर झुका हुआ, जानबूझ कर अनदेखा कर देने के पापों के सम्बन्ध में विचार कर रहा था। जैसे ही उसने बच्चे के पालने के सिरहाने के बोर्ड पर बने चित्र को देखा, उसने भयानक ठण्ड के दिनों में, उनकी शिफ्ट समाप्त हो जाने पर महिला कैदियों को सीढ़ियों से नीचे आदमियों के स्नानागार की ओर ले जाते श्वेत देवदूत के रूप में अपनी स्वयं की कल्पना की, वहां वह उनको रेडिएटर्स के सहारे स्वयं को गर्म रखने के लिए छोड़ देता था, जब वे दीवारों को ताकती रहती थी, गलियारे में लम्बी दृष्टि डालती थी, जब नग्न कामगार अपने कपड़े बदलने के कमरों से साबुन और तौलिये लिए हुए निकलते थे, और क़ैदी स्त्रियां उन नग्न पुरुष शरीरों को ताकती रहती थी, अपनी दृष्टि से निरंतर उनका अनुगमन करते हुए, और तब उनकी वे ऑंखें शावर हेड बन जाती थी- उनकी कामनाओं की धूल से महकी हुई देहों को नहलाती हुई। सुरक्षाकर्मी जब अपनी नित्य की रिपोर्ट लिखता था तो महसूस करता था मानो कैदियों की लज्जा की लाली उसकी स्वयं की हो गयी थी। वह जानता था कि उसने जो कुछ घटित होने दिया था वह नियमों के विरुद्ध था, किन्तु वह महसूस करता था कि उसे अपनी अभिरक्षा में रखे गए लोगों को  दिन में कम से कम एक बार क्रिसमस ट्री जैसा कुछ दिखा देना अधिक महत्वपूर्ण था… 


“चलती रहो!” सुरक्षाकर्मी चिल्लाया। “साबुन वाली वे बाल्टियां धो डालो फिर मेरी प्रतीक्षा करो!” किन्तु कैदी उसकी आवाज के लहजे से जानती थी कि वह ऐसा कह कर पछता रहा था। 


जब कैदी महिलाएं जा रही थी और कामगार कन्डुइट लदी ट्रॉलियां धकेल कर भंडारगृह से बाहर लाने लगे, सुरक्षाकर्मी टाइपराइटरों के ढेर पर चढ़ गया, पालने को नीचे खींचा, और धातु के एक स्पैनर की सहायता से, जो उसने एक वेल्डर से लिया था, सिरहाने के तख्ते में से चित्रित पट्टी को अलग निकाल लिया। वह चित्र को ले कर भंडार गृह में चला गया, इधर उधर देखा और फायर क्ले के पाइपों के एक ढेर के पीछे उसने अपनी सैम ब्राउन बेल्ट को खोला अपनी कमीज उतारी और रक्षक फरिश्ते की तस्वीर को बनियान के पीछे की ओर डाल लिया उसके पंख उसके कन्धों की हड्डियों को छू रहे थे. फिर उसने कमीज वापस पहनी, उसके ऊपर बेल्ट को कस कर पहना ताकि वह चित्र को चोरी से कारखाने के बाहर ले जा सके। जब वह बाहर धूप में वापस प्रगट हुआ और कैदियों तक पहुँचने के लिए उनके पीछे उनके रक्षक देवदूत की भांति दौड़ा, उसने टिन की प्लेट पर बने चित्र को अपनी देह के साथ एकाकार होते हुए महसूस किया। वह जानता था कि न तो उसकी सैम ब्राउन बेल्ट, न ही दुनिया की कोई अन्य चीज उसको उन जुड़वां पंखों जैसे अपने दो पंख होने से रोक सकती थी, और न ही उसे अपनी अभिरक्षा में दी गयी स्त्रियों की - अपर्याप्त और नियमों के विरुद्ध - सुरक्षा जारी रखने से ही रोक सकती थी। और, उसके अपने मस्तिष्क में, यही उसकी स्वयं की मुक्ति थी।          

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