गौरव पाण्डेय की कविताएँ
गौरव पाण्डेय मानव जीवन में रिश्तों का बहुत महत्व है. रिश्तों के अहसास की वजह से ही आदिमता को छोड़ कर हम मनुष्य बने. सभ्यता की राह में यह मनुष्य का एक बड़ा कदम था. निश्चित रूप से भाई-बहन का रिश्ता उन कुछ रिश्तों में प्रबल और प्रगाढ़ रिश्ता है जो आजीवन और अटूट बना रहता है. यह दो परिवारों को एकजुट करता है और मेल-मिलाप की परम्परा को साकार करता है. अपने यहाँ तो हम इस रिश्ते को एक पर्व के रूप 'रक्षाबंधन' के रूप में अरसा पहले से ही मनाते आये हैं. बहनें जिनमें अपनत्व का एक समूचा अक्स उभरता है. युवा कवि गौरव पाण्डेय ने बहन पर कुछ कविताएँ लिखी हैं जिन्हें हम पहली बार के पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. तो आइए पढ़ते हैं गौरव पाण्डेय की कविताएँ . गौरव पाण्डेय की कविताएँ बहन पर कुछ कविताएं.. १ - माँ ..* हम शिखरों से पुकारते हैं . . .... माँ.......... घाटियाँ गूंजती रहती हैं माँ ........ .माँ ...... ..माँ..... घाटियों में बहनें रहती हैं! २ - बहन _ पिता _ और _ मोबाईलगेम बहन और पिता मोबाइल मेँ गेम खेलते हैं दोपहर भर...