संदेश

2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हजारी प्रसाद द्विवेदी का दुर्लभ निबन्ध 'वर्षा की कोई आशा नहीं!'

चित्र
  हजारी प्रसाद द्विवेदी  वर्षा ऋतु सभी ऋतुओं से न्यारी ऋतु है। इस ऋतु में धरती आसमान जैसे एक हो जाते हैं। इसके आने से किसानों की आंखें उम्मीद से चमकने लगती हैं। बरसाती बूंदें धरती के परिवेश को पूरी तरह बदल डालती हैं। हरियाली हर जगह अपने पांव पसारने लगती हैं। बच्चे बारिश में नहाने की जिद करने लगते हैं। परिवेश तरह तरह के कीड़े मकोड़ों की आवाज से गुंजायमान हो जाता है। झींगुरों की झन झन, मेढकों की टर्र टर्र की आवाज के साथ संगत करती है। जुगनू रोशनी को बिखेरते हुए उड़ान भरने लगते हैं। प्रकृति जैसे अपनी तरह से सज बज जाती है। ऐसे में रचनाकार की लेखनी भी मचलने लगती है।  रचनाकार अपनी रचनाओं में अपनी अपनी तरह से बरसात को चित्रित करते दिखाई पड़ते हैं। लेकिन मौसम आने पर भी जब बारिश नहीं होती, तो सबकी बेचैनी और तकलीफें बढ़ने लगती हैं। जीव जन्तु आकुल व्याकुल हो जाते हैं। मौसम बोझिल लगने लगता है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी अपनी ढब के अनूठे रचनाकार थे। उनकी भाषा का लालित्य लुभाता है। उनके उपन्यास तो कालजई हैं ही, निबन्ध भी श्रेष्ठ हैं। हजारी प्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली में उनके निबं...

उमा शंकर चौधरी की लम्बी कहानी 'एक नक़्शा, एक ख़्वाब और कुछ तितलियां'

चित्र
  उमा शंकर चौधरी  परिचय उमा शंकर चौधरी एक मार्च उन्नीस सौ अठहत्तर को खगड़िया बिहार में जन्म। कविता और कहानी लेखन में समान रूप से सक्रिय। प्रकाशन : तीन कहानी संग्रह 'अयोध्या बाबू सनक गए हैं, कट टु दिल्ली और अन्य कहानियां, 'दिल्ली में नींद', तीन कविता संग्रह 'कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे. चूंकि सवाल कभी खत्म नहीं होते, वे तुमसे पूछेंगे डर का रंग, और एक उपन्यास 'अंधेरा कोना प्रकाशित। सम्मान : साहित्य अकादमी युवा सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन सम्मान, रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार, अंकुर मिश्र स्मृति सम्मान। कहानियों, कविताओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद। कविता संग्रह 'कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे का मराठी अनुवाद साहित्य अकादमी से प्रकाशित। कविताएं केरल विश्वविद्यालय, केरल, शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कलाडी, केरल और एम. जी. विश्वविद्यालय, कोट्टयम्, केरल के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल। विभिन्न महत्वपूर्ण श्रृंखलाओं में कहानियां और कविताएं संकलित। कहानी 'अयोध्या बाबू सनक गए हैं' पर प्रसिद्ध रंगकर्मी देवेन्द्र राज अंकुर द्वारा एनएसडी ...