मदन कश्यप की कविताएँ
मदन कश्यप प्रेम मनुष्यता की आधारभूमि है। सम्बन्धों की पृष्ठभूमि बनाने और सम्बन्धों के आयाम को विस्तृत करने में इस प्रेम की भूमिका विशिष्ट रही है। इसीलिए प्रेम कवियों के लिए लोकप्रिय विषय रहा है। दुनिया का कौन सा ऐसा कवि होगा जिसने प्रेम पर कविताएं न लिखी हों। मदन कश्यप हमारे समय के जरूरी कवियों में से हैं। प्रेम उनकी अधिकांश कविताओं के मूल में रहता आया है। कल मदन कश्यप का जन्मदिन था। प्रिय कवि को जन्मदिन की विलंबित बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं उनकी कुछ कविताएँ। मदन कश्यप की कविताएँ चालाक लोग चालाक लोग इसका पूरा हिसाब रखते हैं कि क्या क्या बचाया लेकिन यह कभी नहीं जान पाते हैं क्या क्या गँवाया वे पाँव गंवाकर जूते बचा लेते हैं और शान से दुनिया को दिखाते हैं ! अभी भी बचे हैं अभी भी बचे हैं कुछ आख़िरी बेचैन शब्द जिनसे शुरू की जा सकती है कविता बची हुई हैं कुछ उष्ण साँसे जहाँ से सम्भव हो सकता है जीवन गर्म राख कुरेदो तो मिल जाएगी वह अंतिम चिंगारी जिससे सुलगाई जा सकती है फिर से आग एक दिन स्त्रियाँ बैंक हो...