आमिर सिद्दीकी की कहानी 'बोर्डर' (अनुवाद : संदीप मील)
आमिर सिद्दीकी |
आम तौर पर भारत और पाकिस्तान का
परिवेश लगभग एक जैसा दिखाई पड़ता है। कृत्रिम तौर पर दोनों देशों का बँटवारा जरुर
कर दिया गया लेकिन वह परिवेश और प्रवृति आज भी कमोबेश दोनों मुल्कों में एक जैसी
है। कट्टर प्रवृति, पिछड़ापन, गरीबी और अराजकता जैसे दोनों
देशों की साझी नियति है। यही नहीं भ्रष्टाचार के मामले में भी कोई किसी से कम नहीं
वाली स्थिति में है। आमिर सिद्दीकी पाकिस्तान के चर्चित रचनाकार, और ब्लागर हैं। यही नहीं वे इन
दिनों हिन्दी और उर्दू के बीच एक पुल बनाने का काम कर रहे हैं। इस क्रम में वे
हिन्दी और उर्दू के चर्चित रचनाकारों की रचनाएँ अनुवाद कर पाठक वर्ग के सामने
प्रस्तुत करते हैं। इन दिनों वे उस कहानी विधा पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं
जिसमें तीस शब्दों की सीमा सुनिश्चित होती है। कविता की भाषा में कहें तो लगभग जापानी
‘हाईकू’ के अंदाज जैसा ही। ‘हाईकू’ में भी कुल तीन पंक्तियों में कविता पूरी हो
जाती है। आमिर की इसी तरह की एक कहानी 'बोर्डर' का अनुवाद किया है चर्चित युवा
कथाकार संदीप मिल ने। तो आइए आज पहली बार पर पढ़ते हैं आमीर सिद्दीकी की कहानी 'बोर्डर'।
बोर्डर
(उर्दू कहानी)
मूल लेखक : आमीर सिद्दीकी
(हिन्दी अनुवाद : संदीप मील)
"सुनो।"
"हां।"
"कल चिकन बढिया था।"
"तुम्हारी दारु भी लाजवाब।"
"लेकिन आज ज़रा होशियार।"
"क्यों ?"
"नया अफ़सर आया है।"
"मेरा भी।"
"तो आज बस दाल।"
"इधर बस पानी।"
सम्पर्क –
आमीर सिद्दीकी
ई-मेल : siddiqiamir1@gmail.com
संदीप मील
मोबाईल- 9636036561
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