दूधनाथ सिंह की कहानी 'नपनी'
भारत में लड़की की शादी करना असम्भव को सम्भव कर दिखाने जैसा है। सबसे पहले जो प्रक्रिया होती है वही त्रासद होती है। लड़की के परिवार वालों के लिए तो यह त्रासद होती ही है, यह लड़की की कड़ी अग्नि परीक्षा होती है। एक लड़की को ऐसी तमाम अग्नि परीक्षा से हो कर गुजरना पड़ता है। लड़का पक्ष चाहें जितना विपन्न या कुरूप हो, लड़की के बारे में वह तमाम ऊल जलूल अपेक्षाएं साधिकार करता है। लड़की का रंग ऐसा हो, लड़की की आंखें ऐसी हों। लड़की की ऊंचाई इतनी हो। लड़की सुसंस्कृत हो। लड़की शर्माती हो। आदि आदि... ...। इस समय ऐसे ऐसे पैमाने सामने आ जाते हैं जिसको सुन कर केवल अफसोस ही व्यक्त किया जा सकता है। ये सारे पैमाने, सारी अपेक्षाएं केवल लड़कियों के लिए ही होते हैं, लड़कों के लिए कहीं कोई पैमाना नहीं। 'नपनी' कहानी के माध्यम से कहानीकार दूधनाथ सिंह ने जो व्यंग्य रचा है वह अद्भुत है। आज दूधनाथ जी का जन्मदिन है। जन्मदिन पर पहली बार की तरफ से हम दूधनाथ जी की स्मृति को सादर नमन करते हैं। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं दूधनाथ सिंह की कहानी 'नपनी'। नपनी दूधनाथ सिंह कार स्टार्ट होते ही प