सुनील कुमार शर्मा की बाल कविताएं
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सुनील कुमार शर्मा |
आमतौर पर बच्चों की कविताएं जितनी सहज दिखती हैं उतनी होती नहीं। बच्चों के लिए कविताएं लिखना सामान्यतया आसान नहीं होता। इसके लिए जरूरत होती है ऐसे कथ्य की जो बच्चों के मन को भा जाए। इसके लिए जरूरत होती है ऐसे शिल्प की जो मस्तिष्क पर टंकित हो जाए। और बच्चों के मन मस्तिष्क को समझ पाना उतना आसान कहां होता है। लेकिन कवि जो कल्पना में रवि तक पहुंच जाते हैं यह कठिन काम भी अपने हुनर से आसान बना डालते हैं। सुनील कुमार शर्मा एक जाने पहचाने कवि तो हैं ही, उन्होंने कुछ बाल कविताएं भी लिखी हैं। ये सहज तो हैं ही, इनका शिल्प भी बेहतरीन है। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं सुनील कुमार शर्मा की बाल कविताएं।
सुनील कुमार शर्मा की बाल कविताएं
अगर मैं जादूगर होता तो
अगर मैं जादूगर होता तो
बादल रंगों से भर देता
छड़ी घुमा कर एक मिनट में
सूरज को ठंडा कर देता
नदी उड़ाता आसमान में
बर्फ़ गिराता मैं रेतों पर
बारिश करवा देता कुल्फी
चॉकलेट की भी खेतों पर
डांस करा देता पेड़ों से
फूलों से मैं गीत सुनाता
चिड़ियों से बातें करता मैं
हर मछली को पंख लगाता
अपने जादू की ताकत से
दुनिया को मैं खूब हँसाता
अगर मैं जादूगर होता तो
सबके दुःख को दूर भगाता
ऊँट का सपना
एक दिन रेगिस्तान में बैठा
ऊँट बहुत इतराया
और शहर जा कर दुकान से
टाई सूट ले आया
लाल सूट और पीली टाई
पहन के बोला ऊँट
हैंडसम बन जाऊंगा बस
मिल जाए एक बूट
कहा लोमड़ी के घर जा कर
जूता दे दो अपना
बन ठन के फोटो खिंचवाऊंगा
मेरा है सपना
कहा लोमड़ी ने कि शौक से
फोटो तुम खिंचवाओ
मेरे पास पड़ी है चप्पल
उसे पहन कर जाओ
एक बार हाथी ने बोला
एक बार हाथी ने बोला
जादू मैं दिखलाऊंगा
खेल दिखा कर अजब अनोखे
सबको खूब हँसाऊँगा
सूंड उठा कर टोपी पहनी
और डंडा लहराया
डाल कबूतर को डिब्बे में
छू मंतर चिल्लाया
गायब हुआ कबूतर सबने
ताली बहुत बजाई
अब अगला जादू दिखलाने
की बारी थी आई
पहले अपनी खाली टोपी
रसगुल्ले से भर दी
फिर हाथी ने बंदर जी की
पूँछ ही गायब कर दी
सब हो गए हैरान देख कर
वहाँ अजूबा काम
फिर हाथी जादूगर को
मिला बहुत ईनाम
मिट्ठू तोते की शादी में
मैना तोहफा ले कर आई
वहाँ कबूतर बजा रहा था
बैठ के कोने में शहनाई
बुलबुल ने भी फुदक फुदक कर
मेहमानों से कहा नमस्ते
अपनी टोली ले कर आई
गौरैया भी हँसते हँसते
कोयल ने फिर मीठे सुर में
एक प्यारा सा गाना गाया
और मोर ने झूम झूम कर
सबको अपना नाच दिखाया
बढ़िया खाना बना के बगुले
ने शादी की शान बढ़ा दी
धूमधाम से पूरी हो गयी
मिट्ठू तोते जी की शादी
पिंकी ने पूछा दादू से
बादल कहां से आते हैं
आसमान में घूम घूम कर
पानी जो बरसाते हैं
दादू बोले बादल की
हर बात तुम्हें बतलाता हूं
कैसे बनते और बरसते
तुमको ये समझाता हूं
नदियों सागर झीलों से
भाप जो उड़ कर जाता है
आसमान में ठंडक पा कर
वो बादल बन जाता है
आपस में टकराते हैं जब
सारे बादल घम घम घम
खूब चमकती है बिजली भी
आसमान में चम चम चम
थोड़े थोड़े बादल मिल कर
जब ढेरों हो जाते
भारी हो कर सारे बादल
पानी तब बरसाते हैं
रंग-बिरंगे ग्रहों की टोली
आठ ग्रह हैं रंग-बिरंगे,
सबका है अलग-अलग रूप,
मंगल है लाल, शनि है पीला,
नीला है यूरेनस का रंगरूप।
सूरज ही एक तारा है,
बाकी ग्रह जिसके चारों ओर घूमते,
सबसे छोटा है बुद्ध ग्रह प्यारा,
बृहस्पति है सबसे विराट सा दिखते।
शुक्र है वही सबसे चमकीला,
रात के आकाश में दमकता सितारा,
और दूर प्लूटो है छोटा बौना,
जिसने अपना ग्रह का दर्जा गंवाया।
बृहस्पति का रंग भूरा-सुनहरा,
नेपच्यून लगे बर्फ सा उजियारा,
पृथ्वी नीली-हरी है प्यारी,
सौर मंडल की ये छवि निराली।
सबकी कक्षा, सबकी चाल,
पर सब है सूरज के साथी,
रंग-बिरंगे इन ग्रहों की टोली,
जैसे निकले हो सज कर बाराती।
बंदर मामा के क्या कहने
न्यूज़ रिपोर्टर बंदर मामा
जब सुनते कोई हंगामा
जंगल की खबरें लाते है
बड़े मज़े से बतलाते है
शहद जो भालू ने था लाया
रात को चूहे ने है खाया
काली वाली बिल्ली खो गई
चीते के घर चोरी हो गयी
हल्ला सुन खरगोश है जागा
कछुआ गाजर ले कर भागा
अपनी अपनी अर्जी ले कर
सब पहुंचें हैं शेर के दफ्तर
सबकी अर्जी शेर जी लेंगे
अब बाकी ख़बरें कल देंगे
माइक पकड़े टोपी पहने
बंदर मामा के क्या कहने
भालू जी को आया सपना
एक दिन सोते सोते
भालू जी को आया सपना
स्कूल चल दिए भालू भईया
पहन के चश्मा अपना
क्लास में पहुंचे जैसे ही
हाथी मास्टर आये
होमवर्क सब दिखलायेंगे
कह कर सूंड घुमाए
अब क्या होगा भालू भईया
तो आ गए चक्कर में
होमवर्क वाली कॉपी तो
भूल गए थे घर में
भालू जी ने हाथी जी को
सारी बात बताई
हाथी जी ने भालू जी की
कर दी खूब पिटाई
चौंक के उठ गए तभी अचानक
पकड़ के माथा अपना
पता चला की भालू जी तो
देख रहे थे सपना
सम्पर्क
मोबाइल : 8902060051
बेहद खूबसूरत बाल - मन को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाली इतनी सुंदर कविताएं लिखने के लिए डॉ सुनील कुमार शर्मा जी को साधुवाद।
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