संदेश

भगवत रावत की कविताएं

चित्र
  भगवत रावत  जब जिंदगी को थोड़ा ठहर कर हम देखते हैं तो पाते हैं कि आज की यह दुनिया काफी बदल गई हैं। खुद हमारा देश और समाज काफी बदल गया है। जीने के तौर तरीके ही नहीं हमारी सोच भी बदल गई है। हम अपने आरामदेह आज खातिर अपनी धरती के भविष्य से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे। थोड़े से विवाद की स्थिति में मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं। उदात्त होने का दिखावा और पाखण्ड भी हम बखूबी कर लेते हैं। अखबार रोज ही हिंसा, धोखाधड़ी और बलात्कार जैसी निर्मम खबरों से भरे रहते हैं। ऐसे में भगवत रावत की कविता 'करुणा' याद आती है। भगवत रावत हिन्दी कविता के जरूरी कवि हैं। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं भगवत रावत की कुछ कविताएं। भगवत रावत की कविताएं जो रचता है वह मारा नहीं जा सकता मारने से कोई मर नहीं सकता मिटाने से कोई मिट नहीं सकता गिराने से कोई गिर नहीं सकता इतनी सी बात मानने के लिए इतिहास तक भी जाने की ज़रूरत नहीं अपने आसपास घूम फिर कर ही देख लीजिए क्या कभी आप किसी के मारने से मरे किसी के मिटाने से मिटे या गिराने से गिरे इसका उल्टा भी करके देख लीजिए क्या आपके मारने से कोई... ... ख़ैर छोड़िए हाँ, हत...

सुधा अरोड़ा का संस्मरण 'कामतानाथ : एक कॉमरेड का पारिवारिक होना'

चित्र
कामतानाथ कुछ अपवादों को छोड़ कर हिन्दी साहित्य में अक्सर अपने लेखकों को भुला दिए जाने की परम्परा रही है। कामतानाथ एक प्रतिबद्ध लेखक थे और उनके विपुल लेखन को भला कैसे भूला जा सकता है। बैंक की नौकरी करते हुए ट्रेड यूनियन से जुड़ना, यूनियन की गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहना और इसके साथ अपने लेखन को एक तरतीबवार रूप देने का कारनामा कामतानाथ जी के ही वश की बात थी। 'काल कथा' उनका कालजयी उपन्यास है। कल यानी 22 सितम्बर को उनका जन्मदिन था। आजकल एक अजीब सी खामोशी चारो तरफ वैसे भी छाई हुई है। ऐसे में चर्चित कथाकार सुधा अरोड़ा ने कामतानाथ को अपने एक संस्मरण में शिद्दत से याद किया है। कामतानाथ जी की स्मृति को नमन करते हुए आज हम पहली बार पर हम प्रस्तुत कर रहे हैं   सुधा अरोड़ा का आत्मीय संस्मरण 'कामतानाथ : एक कॉमरेड का पारिवारिक होना'। संस्मरण 'कामतानाथ : एक कॉमरेड का पारिवारिक होना'    सुधा अरोड़ा  कथाकार कामतानाथ का नाम लेते ही एक गंभीर और प्रतिबद्ध रचनाकार की और एक स्नेहिल इंसान की छवि मानस में उभरती है। यह तस्वीर एक बड़े रचनाकार के सहज सामान्य जीवन जी लेने से बनती है कि ...

रानी कुमारी की कविताएं

चित्र
रानी कुमारी  परिचय डॉ. रानी कुमारी  जन्म : 1 अगस्त 1988  कापसहेड़ा गांव, दिल्ली  शिक्षा : बी. ए. (हिंदी विशेष), एम. ए. (हिंदी), दोनों प्रथम श्रेणी, दिल्ली विश्वविद्यालय । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से नेट, जे. आर. एफ. पी-एच.डी (हिंदी कथा-साहित्य) हिंदी-विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, 2013 - 2019. लेखन : इंद्रप्रस्थ भारती, हंस, कथादेश, युद्धरत आम आदमी, अपेक्षा, स्त्रीकाल, देस-हरियाणा, संवेद, नया पथ, साहित्य -कुंज, कदम, मगहर, समकालीन जनमत, बहुरि नहिं आवना आदि हिंदी की प्रमुख पत्रिकाओं में शोध-आलेख, पुस्तक-समीक्षा, साक्षात्कार, कविता, लघु-कहानी प्रकाशित। पुस्तक (संपादन) : दलित स्त्रीवादी विमर्श और दाई, 2023 विशेषज्ञता : हिंदी कथा-साहित्य। सम्प्रति : 2016 से दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षण। हम सबके अपने अपने स्वार्थ होते हैं और इसे पूरा करने के लिए दूसरों का उपयोग करने से नहीं चूकते। इसके लिए अक्सर बहाने भी खोज लिए जाते हैं। रानी कुमारी की एक बेजोड़ कविता है 'अविवाहित लड़की'। यह  अविवाहित लड़की जिस ऑफिस में काम करती है उसमें सभी कर्मचारी किसी न किसी बहाने से उस पर अपना ...

विष्णु खरे की कविताएं

चित्र
  यह संसार इतना बड़ा है कि तमाम चीजें, बातें, गतिविधियां अलक्षित रह जाती हैं। कवि उन तमाम अलक्षित को दुनिया के समक्ष लक्षित करने का काम करता है। विष्णु खरे ऐसे ही कवि थे जिनके पास तमाम ऐसी कविताएं हैं जिनको पढ़ कर हम चकित रह जाते हैं। रेल या सड़क से आते जाते हमने उन खंडहर टाइप की इमारतों को जरूर देखा होगा जिस पर मोटे अक्षरों में A B A N D O N E D लिखा होता है। इन इमारतों का भी निश्चित रूप से अपना इतिहास रहा होगा। कभी ये इमारतें लोगों की हंसी ठट्ठे से गुलजार रहा करती थीं। कभी इसमें जीवन का फूल खिला करता था। लेकिन समय आया कि ये इमारतें परित्यक्त घोषित कर दी गईं। इस A B A N D O N E D पर विष्णु खरे की नजर जाति है और वे इस पर कविता लिख डालते हैं। इस तरह की तमाम कविताएं विष्णु जी के पास हैं। इन मामलों में वे दुर्लभ कवि हैं। आज विष्णु खरे की पुण्य तिथि है। उनकी स्मृति को हम नमन करते हैं। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं  विष्णु खरे की कविताएं।   विष्णु खरे की कविताएं   आलैन तुर्की के पास डूबे सीरियाई बच्चे ‘आलैन’ की तस्वीर ने पूरी दुनिया को विचलित कर दिया था। इस दु...