कुछ यादगार स्मृतियाँ : सुधीर सिंह
चित्रों के बारे में एक कहावत प्रख्यात है कि एक चित्र हजार शब्दों के बराबर होते हैं। चित्रों के साथ उसका समय ही नहीं बल्कि उस समय की बेशुमार स्मृतियाँ भी जुड़ी होती हैं। सुधीर सिंह के पास ऐसे यादगार चित्रों का एक समृद्ध खजाना है। आज पहली बार पर प्रस्तुत है 'कुछ यादगार स्मृतियां' जिसे हमने सुधीर सिंह के सौजन्य से प्राप्त किया है।
सुधीर सिंह
कुछ यादगार स्मृतियाँ
चित्र संख्या -1
(चित्र में बाएं से दाएँ (तीसरे से) नामवर सिंह, शील जी, केदार नाथ अग्रवाल, रामविलास शर्मा, चन्द्रबली सिंह)
(चित्र संख्या -2)
(चित्र में बाएं से दाएँ - मार्कंडेय जी, नामवर सिंह, सुधीर सिंह और दूध नाथ सिंह)
(चित्र संख्या -3)
(चित्र संख्या -4)
(चित्र में बाएं से दाएँ : मत्स्येन्द्र नाथ शुक्ल, दूध नाथ सिंह, ज्ञानरंजन, रामजी पाण्डेय, मार्कंडेय जी)
(चित्र संख्या -5)
(हालैंड हाल की मेस में खाने की मेज पर बाएं से दायें अनिल कुमार सिंह, शेखर जोशी,गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव, मार्कंडेय जी, कुंवर पाल सिंह, नमिता सिंह. संतोष चतुर्वेदी)
(चित्र संख्या -6)
(शमशेर बहादुर सिंह के पीछे प्रेम लता वर्मा की बिटिया)
(चित्र संख्या -7)
(हिन्दी कहानी के चार यार - काशी नाथ सिंह, ज्ञानरंजन, दूध नाथ सिंह और रवीन्द्र कालिया)
(एक संगोष्ठी के दौरान मार्कंडेय, शेखर जोशी और दूध नाथ सिंह)
(चित्र संख्या -9)
(कथाकार मार्कंडेय)
(चित्र संख्या -10)
(बाएँ से दाएँ - अनिल कुमार सिंह, काशी नाथ सिंह और सुधीर सिंह)
सम्पर्क-
सुधीर कुमार सिंह
मोबाईल- 09415317341
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12.11.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सुन्दर
जवाब देंहटाएंअद्भुत संग्रह!
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