चेन कुन लुन की कविताएं

 

खुलापन किसे अच्छा नहीं लगता। खुलापन यानी स्वतन्त्रता। स्वतन्त्रता का मतलब दूसरों को भी वैसा ही सम्मान देना होता है जैसा हम खुद अपने लिए चाहते हैं। घर चाहें जितना विशाल हो अगर उसमें दरवाजे खिड़कियां नहीं, तो वह घर दीवालो की केवल प्रतिकृति भर बन कर रह जाता है। ताईवान के कवि चेन कुन लुन की एक कविता है 'ताजी हवा' महज चार पंक्तियों वाली कविता अपनी व्याप्ति में महाकाव्यात्मक विस्तार लिए हुए है। 'एक विशाल एक्वेरियम में/ उष्णकटिबंधीय जलवायु की रहवासी मछलियां/ इकट्ठी हो रही हैं एक नली के सिरे पर/ थोड़ी सी ताजी हवा खाने के लिए'

 

चेन कुन लुन का जन्म दक्षिणी ताइवान के काओशोंग शहर में सन 1952 में हुआ। वे एक सुधी संपादक रहे हैं। चेन लिटरेरी ताइवान पत्रिका के संस्थापक सदस्यों में से हैं। दक्षिणी ताइवान के पर्यावरण विषयक मामलों में उनका गहरा हस्तक्षेप रहा है। उनके कविता संग्रह प्रकाशित हैं। उनकी कविताएं सहज भाषा में आम वस्तुओं से प्रेम पर आधारित होती हैं। यहां प्रस्तुत सभी कविताओं का चीनी से अंग्रेजी अनुवाद विलियम मार ने किया है जबकि अंग्रेजी से इनका अनुवाद हिंदी के युवा कवि देवेश देवेश पथ सारिया ने किया है तो आइए आज पहली बार पढ़ते हैं चेन  कुन लुन की कविताएं।

 

 

 

चेन  कुन लुन की कविताएं

 

 

 

पानी उबल रहा है

 

 

बर्तन में उबल रहा है पानी

भाग जाना चाहता है

पर चारों तरफ़ लोहे की दीवारें हैं

 

 

इनकार करता

नाकाबंदी सहन करने से 

पानी का कुछ भाग

बन जाता है भाप

और उड़ जाता है

नीले आसमान की ओर

 

 

जलते हुए दर्द के साथ

बर्तन का पानी

रोता है आखिरकार

चाय पीने वाले को देख  कर

जो कोशिश में है

अपनी प्यास बुझाने की।

 


 

 

ताज़ी हवा

 

 

एक विशाल एक्वेरियम में

उष्णकटिबंधीय जलवायु की रहवासी मछलियां

इकट्ठी हो रही हैं एक नली के सिरे पर

थोड़ी सी ताजा हवा खाने के लिए।

 

 


 

तुम्हारे सिर से तीन इंच ऊपर

 

 

तुम्हारे सिर से तीन इंच ऊपर 

एक ईश्वर है

जो हर वक़्त देखता रहता है तुम्हें

 

 

तुम जाते हो जहां कहीं भी

वह भी जाता है तुम्हारे साथ

उससे तुम कभी छुटकारा नहीं पा सकते

 

 

वह तुम्हारी हर हरकत पर नज़र रखता है

तब भी, जब तुम सो रहे होते हो

वह जानता है

तुम्हारी सपनों की दुनिया के

छिपे हुए रहस्यों को भी 

 

 

वह लिख लेता है

जो कुछ भी तुमने किया है

एक भी विवरण बाक़ी नहीं छोड़ता वह

जब तुम मर जाओगे

तुम्हारा निर्णय होगा

इसी बही-खाते के आधार पर।

 

 

(इस पोस्ट में प्रयुक्त पेंटिंग्स वरिष्ठ कवि विजेन्द्र जी की हैं) 

 

 

 

देवेश पथ सारिया


मेरा ताइवान का पता

 

देवेश पथ सारिया

पोस्ट डाक्टरल फेलो

रूम नं 522, जनरल बिल्डिंग-2

नेशनल चिंग हुआ यूनिवर्सिटी

नं 101, सेक्शन 2, ग्वांग-फु रोड

शिन्चू, ताइवान, 30013

 

 

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