वाचस्पति की कवि विजेन्द्र पर चित्रात्मक प्रस्तुति।
वाचस्पति की कवि विजेन्द्र पर चित्रात्मक प्रस्तुति
तस्वीरें अपने समय और सरोकारों का प्रबल साक्ष्य होती हैं। वे अपने समय और साक्ष्यों को सिर्फ सहेजे ही नहीं रहतीं बल्कि बात भी करती हैं। इस बिना पर कह सकते हैं कि तस्वीरे बोलती हैं। हाल ही में कोरोना से विजेंद्र जैसे लोकधर्मी कवि का निधन हो गया। उनसे जुड़ी पुरानी स्मृतियों को सहेज कर रखा है वाचस्पति जी ने। वाचस्पति जी के पास हिन्दी साहित्य से जुड़ा हुआ अनमोल खजाना है। ‘पंचायती डायरी’ उस अनमोल खजाने में से एक निधि है। आज पहली बार पर हम प्रस्तुत कर रहे हैं वाचस्पति की कवि विजेन्द्र पर चित्रात्मक प्रस्तुति।
विजेंद्र, जयपुर, 2007 |
विजेंद्र, जयपुर, 2007 |
विजेंद्र, साथ में वाचस्पति, जयपुर, 2007 |
विजेंद्र, साथ में वाचस्पति, जयपुर, 2007 |
मंच पर लीलाधर मंडलोई, केदार नाथ सिंह, विजेंद्र, राजेश जोशी, और अवसर पर सम्मानित
कवि ज्ञानेंद्रपति, छायाकार अनिरुद्ध पांडेय वाराणसी |
केदार नाथ सिंह, विजेंद्र, और ज्ञानेंद्रपति, छायाकार अनिरुद्ध पांडेय वाराणसी |
केदार नाथ सिंह, सम्मानित
कवि ज्ञानेंद्रपति विजेंद्र से आशीष मुद्रा में, छायाकार अनिरुद्ध पांडेय वाराणसी |
आलोचक प्रोफेसर बच्चन सिंह के आवास पर – बायें से विजेंद्र, बच्चन सिंह, केदार नाथ सिंह, सदानंद शाही और वाचस्पति |
विजेंद्र, बच्चन सिंह, केदार नाथ सिंह, |
बायें से वाचस्पति, विजेंद्र, बच्चन सिंह, केदार नाथ सिंह और सदानंद
शाही |
वरिष्ठ आलोचक प्रोफेसर चंद्रबली सिंह के आवास पर विजेंद्र से उनकी वार्ता – बाएं छोर पर ज्ञानेंद्रपति, अंतिम सिरे पर अग्निशेखर |
अध्ययनरत विजेंद्र, वाचस्पति आवास बनारस |
उषा सिंह, विजेंद्र, शकुंतला, वाचस्पति, वाचस्पति आवास बनारस |
उषा सिंह, विजेंद्र, शकुंतला जी 2007, वाचस्पति आवास बनारस |
सम्पर्क
वाचस्पति
एच 1/ 66 के, 6 ए, महेशा नगर
पहली बायीं गली में
डाकघर – बी एच यू, वाराणसी 221005
मोबाईल – 9450162925
बहुत सुंदर। आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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