मुहम्मद मुस्तजाब की कहानी 'खरगोशों की लड़ाई', हिन्दी अनुवाद - श्रीविलास सिंह

 

श्रीविलास सिंह

 

कहानी में बिम्बों और प्रतीकों का अपना अलग ही महत्त्व है। यह कहानी की अपनी माँग होती है जिसे एक दक्ष कहानीकार अपनी कहानी में बरतता है। मुहम्मद मुस्तज़ाब ऐसे ही कहानीकार हैं जिनकी कहानी में बिम्बों के अनूठे प्रयोग मिलते हैं। प्रेमिका के पिता से बात करने गए नायक की सोच और दास्तानगोई इस कहानी में परस्पर आबद्ध हैं। आइए आज पहली बार पर पढ़ते हैं मुहम्मद मुस्तजाब की कहानी 'खरगोशों की लड़ाई' इस कहानी का अंग्रेजी अनुवाद हम्फ्री डेविड ने किया है। अंग्रेजी अनुवाद से हिन्दी अनुवाद किया है महत्त्वपूर्ण कवि और अनुवादक श्रीविलास सिंह ने।

 

 

खरगोशों की लड़ाई

 

 

मुहम्मद मुस्तज़ाब

(मिस्र की कहानी - अंग्रेजी अनुवाद हम्फ्री डेविस)

 

 

हिंदी अनुवाद : श्रीविलास सिंह

 

 

1.  

 

 

मैंने गहरे रंग का नया सूट और कसे हुए नए जूते पहने और गली में गया। दिन के शुरुआती घंटे थे। सब कुछ अच्छे से योजनाबद्ध था।

 

मैंने अपनी प्रेमिका को बता दिया था कि मैं उसके पिता से मिलने को ले कर डरा हुआ हूँ। उसने मेरा कान पकड़ कर हिलाया, अपनी आंखें मेरे नजदीक लायी, एक क्षण को अपनी सांसें रोकी और फिर हँसने लगी।

 

उसके पिता (अन्य सभी पिताओं की भांति) अपनी बेटी को प्यार करते थे और उसने (मेरी प्रेमिका थोड़ी गंभीर हो गयी) इस साक्षात्कार के रास्ते की सारी बाधाएं पहले ही दूर कर दी थी। उसने (वह हँसी) राह तैयार कर दी थी, बस उस पर दौड़ना शेष था। वह (उंगलियों के अग्रभाग से मेरी ठुड्ढी को छेड़ते हुए) इस दुनिया में किसी की परवाह नहीं करती थी सिवाय मेरे।

 

मैंने उसे बताया कि उसके प्रयत्नों के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मान है। लेकिन जो भी हो, मैं उसके पिता से मिलने नहीं जा रहा था। मैंने उसकी आँखों में झाँका और फुसफुसा कर अपनी बात को रेखांकित करते हुए कहा : वे एक पिता ही नहीं हैं, जिनसे मैं मिलूंगा, वे एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री भी हैं.......

 

मेरी प्रेमिका हँसी और पानी देने के लिए इशारा किया। उसने अपनी कुर्सी खिसकायी और थोड़ा और पास गयी। एक क्षण को उसकी आँखें मेरे  चारों ओर घूमती  रहीं फिर उसने पानी की बूंदों को अपनी जीभ से लपक लिया। ऐसा कर के वह अस्पष्टता से खड़ी हो गयी, उसने अपनी बांहें फैलायीं और मेरी ओर देख कर मुस्कराने लगी।

 

उसके पिता, मात्र उसके पिता थे, वह फुसफुसाई और मुझे ऐसे विचारों को त्याग देने को कहा। यदि मैं इस तरह के मुद्दों पर बखेड़ा खड़ा करूँगा तो वह मुझसे लड़ने को मजबूर हो जाएगी।

 

सारी रात मैं अपने को व्यवस्थित करता हुआ, अपने भय के प्रेतों से लड़ता रहा। मैंने एक टाई चुनी, एक सूट, मोज़े और शब्दों और कटाक्षों का चयन किया। समय चुना जब मैं शांत रहूँगा। मैं सो नहीं पाया। और अब, हरम स्ट्रीट में एक सुबह तड़के ही, मेरा थका हुआ ढांचा खड़ा था, शिथिलता से संघर्ष करता हुआ, चल पाने में असमर्थ।

 

एक सदी का चौथाई हिस्सा गुजर गया।  मेरी घड़ी मुझ से सहमत नहीं थी और अभी सुबह के नौ ही बजा रही थी। मैंने एक टैक्सी रोकी, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह, जितना संभव हो, साफ सुथरी लग रही हो।  क्या यह बेहतर होगा कि मैं महामहिम पूर्व प्रधानमंत्री के समक्ष धूम्रपान करूँ ? क्या बातचीत की शुरुआत मुझे करनी चाहिए?

 

टैक्सी ड्राइवर, जिसकी शक्ल सूरत फ़ारुक़ अब्बास, मेरे एक समृद्ध कार्यालयीन साथी, से बहुत मिलती जुलती थी, ने कहा कि अभी अधिकतर लोग हरामी होते हैं और -- ट्रैफिक के सिपाहियों के संबंध में मेरा मत पूछने के पश्चात् -- अपनी लम्बी शिकायत के जंगल में खो गया।

 

मैं पीछे की ओर झुक गया और अब उसे नहीं देख सकता था। बादल बिखरे हुए और रंग बिरंगे थे, मौसम अच्छा था। मैं एक अत्यंत महत्वपूर्ण परीक्षा की ओर बढ़ रहा था, मैं : महत्वहीन, मेरे पिता महत्वहीन, मेरा परिवार महत्वहीन।  मैं विदेशी मामलों के मंत्रालय में अनुवादक का कार्य करता हूँ और इसके पूर्व मैं बैंक ऑफ़ मिस्र की डोकी शाखा में लेखाकार था।  महामहिम पाशा ने स्वाभाविक रूप से जानना चाहा कि क्या मैं तब भी वहाँ कार्यरत था जब वहाँ 49500 पाउंड का घपला हुआ था। जी हाँ निश्चय ही, और मैं इस अपराध का भंडाफोड़ करने वालों में से एक था।

 

और बैंक ऑफ़ मिस्र से पहले तुम ने कहाँ काम किया था? मैं एक विदेशी स्कूल में अध्यापक था जो आठ वर्ष पूर्व बंद हो गया। अच्छा, फिर तो तुम प्रोफ़ेसर नासर दौस को जानते होंगे? जी, मैं उनको जानता हूँ। यह भी संयोग है कि प्रोफ़ेसर नासर दौस भी कभी डायरुत माध्यमिक विद्यालय में अध्यापक थे। और तुम्हारे डैडमेरा मतलब है तुम्हारे पिता? मेरे पिता, श्रीमान वे दक्षिण के एक खेतिहर मजदूर हैं।

 

नहीं, मुझे खेतिहर मजदूर नहीं कहना चाहिए : मेरे पिता ऊपरी मिस्र के एक किसान हैं। किसान से मालिकाना हक़ और समृद्धि का बोध होता है।

 

तो तुम उनका ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णन नहीं करोगे जिनकी उंगलिया दुनिया की नब्ज़ पर हैं। महामहिम ये किसान ही हमारी अर्थव्यवस्था की नींव के पत्थर हैं और महामहिम को तो ज्ञात ही होगा कि ग्रामीण इलाके ही वह केंद्र हैं जो हमारी परम्पराओं और नैतिकता को सहेजे हुए हैं। इसी तरह के एक केंद्र से मैं आप के पास आया हूँ, श्रीमान

 

लेकिन मुझे इन सब में कुछ अद्यतन वाक्यांश टांक लेने चाहिए ; मुद्रास्फीति; विकास; युगानुभूति; अस्तित्व के प्रति जागरूकता; वैयक्तिकता; आधुनिक अंतरात्मा; दि गार्डियन; दि टाइम्स; फ़िगराफिगारो।

 

मैंने ड्राइवर को एक सिगरेट दी। उसने उसे अनुभवी हाथों से जला लिया और इम्बाबा की एक यात्रा के किस्से सुनाने लगा। पाशा मेरे मस्तिष्क के केंद्र में पीछे चले गए।

 

निश्चय ही सर! आपकी बेटी प्राच्य भाषा विभाग में मेरी साथी थी और हम एक साथ ही  स्नातक हुए हैं।

 

यदि मैं स्वयं को उनकी आँखों में ऊँचा उठाना चाहता हूँ, मुझे अपने संबंधों के बारे में एक तरह के जादू और सुरुचि का संकेत भी जोड़ देना चाहिए और मुझे अपने परिवार के बारे में भी बात करते समय सच कहना चाहिए, मुझे ग्रामीण जीवन की सादगी के सम्बन्ध में भी बात रखनी चाहिए।  सच कहने में, मुझे मेरे परिवार की सादगी से अधिक पीड़ादायक और कुछ नहीं होगा।

 

जरा सोचिये महामहिम! गार्जियन के सप्लीमेंट में मिस्री कृषकों के ऊपर इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट कराती हुई एक रिपोर्ट छपी थी कि वे ही और केवल वे ही यह गहराई, यह दृढ निश्चय रखते हैं जो नहरों से दूर और पहाड़ी इलाकों में खेती कर सकें। मिस्र के किसानों का ज़मीन से सम्बन्ध मात्र एक प्रेम सम्बन्ध नहीं हैं बल्कि एक प्रकार का सन्देश; एक विलयन है......

 

टैक्सी ड्राइवर ने कहा कि मेरे जैसे सुसंस्कृत युवा से उसकी मुलाकात यदाकदा ही होती है और फिर वह अपनी बेटी और उसकी प्रधानाध्यापिका की कहानी सुनाने लगा, फिर स्थानीय परिषद से अपने काम की कहानी और फिर अपनी पत्नी के सम्बन्धियों का महाकाव्य।

 

और फिर, महामहिम मैंने गंभीर प्रकाशनों हेतु कहानियों का अनुवाद किया है और मेरे साथ घटित होने वाली घटनाओं के संबंध में मैं डायरी भी लिखता हूँ।  वर्तमान में मैं हरम स्ट्रीट के एक सिरे पर एक छोटे से अपार्टमेंट में रहता हूँ और मादी में एक अधिक जगह वाले आवास के लिए प्रयत्नशील हूँ। मैं आशा करता हूँ श्रीमान कि हम शेख थाबित, एक चतुर और गंभीर ग्रामीण सज्जन, से जरूर मिलेंगे जो बहुत गंभीर पर्यवेक्षक और हंसमुख हैं। मेरी दादी की मृत्यु पंचानबे वर्ष की उम्र में हुई।  हमारा एक बड़ा परिवार है।

 

क्या हम समृद्ध हैं?

 

ड्राइवर रुक गया और कार के और आगे ऊबड़ खाबड़ ढूहों में जा पाने की क्षमता के संबंध में क्षमा याचना करने लगा। मैंने उसे कोशिश करने को कहा लेकिन उसने एक बार मेरी ओर देखा और अपने धंधे का सब कुछ जानने वाले भाव से अपने बचाव में नक्शा देखने लगा। मैंने उससे कहा कि शेष रास्ता पैदल तय कर पाना कठिन होगा और स्पष्ट किया कि यद्यपि सड़क पक्की नहीं है, यह सच है लेकिन सड़क समतल है। ड्राइवर ने गुस्से में उत्तेजित हो कर दरवाजा खोला और आगे  का शीशा साफ करने लगा। मजबूरन मैं उसकी गाड़ी से उतर गया और उस की चिड़चिड़ाहट भरी घृणा और सर्वविदित  बुद्धिमत्ता से भरी  बकवास सुनने का प्रयत्न करते हुए उसे किराये का भुगतान किया।

 


 

 

 

2.

 

मैंने खुद को सीधा किया, पीड़ा के बोझ को अपने पर से झाड़ते हुए अपने कपड़े व्यवस्थित किये। सड़क अधिक लम्बी नहीं थी।  मैं इसके पिछले हिस्से से आया था और अब अपनी प्रेमिका की विला के ठीक सामने था। जगह एकदम शांत थी और मकान पूरी तरह हरी लताओं से, जो सुंदर तो थी लेकिन जिनका रखरखाव ठीक नहीं था, ढका था। मेरी पदचापों के पार्श्व में संगीत बज रहा था; दि होराइज़न ब्लूम।

 

मैंने अपनी गति कम करने की कोशिश की ताकि मेरे जूते गंदे हों। मेरे मन में एकाएक विचार आया कि यह जगह घात लगा कर आक्रमण करने हेतु एकदम आदर्श है। मैं स्वयं को यह विश्वास दिलाने में लगभग सफल रहा कि सिनेमा की तरह चार सौ रक्षक कुत्ते कहीं से अचानक उछलेंगे और मुझे घेर लेंगे, मेरी पिंडलियों को नोचते, मेरी मांसल जांघों को भंभोड़ते हुए।

 

मैं थक गया हूँ श्रीमान।

 

क्या आपने मेरा गांव देखा है? मेरा गांव साहसी है श्रीमान। उसने दैर मुवास से आती हुई अंग्रेजी ट्रेन पर आक्रमण किया था और उसे उस पर मौजूद सैनिकों और ड्राइवर के साथ नष्ट कर दिया था। आगे, देशी बंदूके, लाठियां और कुल्हाड़ियाँ ले कर उन अंग्रेजी जहाजों पर आक्रमण कर दिया जो किनारे पर किसान औरतों की बत्तखों की सी शांत खड़ी थी। मेरे गांव के लोगों को लगा कि जहाज पर से कोई प्रतिरोध नहीं किया गया है और ही अपने बचाव का कोई प्रयत्न किया गया है। क्रन्तिकारी अपनी विजय के पुरस्कार पर कब्जा करने हेतु नील नदी में कूद पड़े। जब वे पानी में अपनी यात्रा के बिलकुल मध्य में थे तभी जहाज पर से नर्क की आग बरसने लगी, बुलेट्स पाशा।  गोलियां और हथगोले, श्रीमान। जो नील नदी में नहीं मरे वे किनारे पर धराशायी हो गए और हमारा गांव, श्रीमान, किनारे पर लगे शवों के ढेर मात्र में बदल गया।

 

 

3.

 

विला सन्नाटे में डूबी हुई थी। मैंने उसकी धूल और खरपतवार से लदी खिड़कियों में से झांकने का प्रयत्न करते हुए उसका एक चक्कर लगाया। फूलों की महक मेरे नथुनों को छेड़ती हुई हवा में तैर रही थी। वह दस खंडो में एक रोमांटिक महाकाव्य की रचना हेतु आदर्श स्थान था।

 

इसके एक दरवाजे पर मैं घंटी के स्विच तक पहुँच जाने में सफल रहा। मैंने उसे दबाया, चढ़ी हुई लताएं यह देखने में बाधा डाल रही थीं कि दीवार के उस पार क्या है। विला टेलीविजन केबिल, टेलीफोन के तारों और ऐसी लकड़ी की मीनारों से अच्छादित थी जिनके वहां होने के औचित्य के सम्बन्ध में मैं कुछ नहीं जानता था।

 

स्वर्ग का द्वार खुला और एक दरबान ने बाहर झाँका: पुराना, काले रंग का और सफ़ेद कपडे पहने हुए।  एक क्षण को हमारी आंखें मिलीं।

 

मैं महामहिम पाशा से मिलना चाहता हूँ।

 

वह एक निर्जीव मुस्कान मुस्कराया और दरवाजे खोल दिए, उतनी चौड़ाई तक जितनी उसकी बांहें फ़ैल सकती थी और मैंने संगमरमर की पहली चौड़ी सीढ़ी तक उसका अनुगमन किया। उसने एक बार मेरी ओर देखा फिर पूरा मेरी ओर मुड़ गया। श्रीमान महत्वहीन हैं, महत्वहीन परिवार से? यद्यपि मैं उसके मुंह से अपने पिता का नाम सुन कर प्रसन्न होता। अच्छी कवायद है यह, एक गुप्त समाज की भांति अच्छी कवायद।

 

स्वागत। क्या मैं (पूरे सम्मान के साथ कहा गया) महामहिम पाशा की प्रतीक्षा हाल में करना चाहूंगा अथवा बगीचे की छतरी के नीचे?

 

ये जड़ों के दिन थे। धूप, गर्माहट, सुबह और बगीचा सभी मुझे बुला रहे थे। मैंने इशारा (विनम्रता से) किया कि मुझे बगीचे में बैठना पसंद है। दरबान आगे चल दिया, एक छोटे से जल स्रोत, बगीचे, घास और खरपतवार के ढेर को पार करता वह मुझे एक छत वाली जगह पर ले आया। वहां बेंत की कुछ कुर्सियां और गद्दे पड़े हुए थे। उनमें  से कुछ जमीन  पर भी पड़े हुए थे। मेरी उंगलियों के बीच मेरे कार्यालय की चाभियाँ मुझे ताकत दे रहीं थी।

 

महामहिम, मैं खर्च करने हेतु एक भी पैसा पाने की निराशा में रो दूंगा। क्या आप जानते हैं कि इक्कीस सालों तक दूसरों के उतारे हुए कपडे पहनते हुए, दान और दयापूर्ण शब्दों तथा दूसरों की कृपा और संवेदना के सहारे जीने का अर्थ क्या होता है? आज मैं अपने गले में लिपटी यह तीन पाउंड की टाई पहनता हूँ और यह मेरे गले से हो कर मेरी जबान तक आने वाले शब्दों को व्यवस्थित करती है। मैं एक संभ्रांत परिवार से हूँ और हमारी आज की इस मुलाकात में किसी गंदगी को इस ओर संकेत नहीं करना चाहिए….

 

बाग़ की सुगंध ने मेरे कानों में फुसफुसाते हुए मुझे आच्छादित कर लिया कि मुझे अधिक सावधान और कम निश्चिन्त रहना चाहिए। कलंक का एक भी कंकड़, मेरी प्रिये, मुझे इस चमचमाती मंडली से बाहर कर देने को पर्याप्त होगा।

 

प्रधानमंत्री एक रंगीन पत्ते के हृदय में उकडू बैठे थे, गरजते, धमकाते, कसमें खाते, चेतावनी देते, स्पष्टीकरण देते हुए। ताकतवर, भयोत्पादक, बदले की भावना से भरे हुए। क्या वे अब भी अपना महंगा सिगार पीते हैं? क्या प्रेम में किसी प्रकार के बराबरी के दिखावे के सृजन की शक्ति होती है?

 

बाग़ का रखरखाव ठीक नहीं है। गद्दों पर धूल है।  सूरज सृष्टि को गर्माहट दे रहा है। छतरी की वर्गाकार छत की लाइटें टूटी हुई हैं। दाहिनी ओर एक बंद दरवाजे वाला जानवरों का बाड़ा है। मैंने किले की खिड़कियों, फूलों की क्यारियों, सूख कर बदरंग हो गयी अंगूर की बेलों पर नजर डाली।

 

मैं खड़ा हुआ, मैं बैठ गया, मैंने अपने कपड़ों से धूल झाड़ी। मैंने एक चक्कर लगाया और बाड़े की ओर चल पड़ा। मैं खड़ा हुआ, मैं बैठ गया, झुका। मैंने एक सिगरेट सुलगाने की सोची लेकिन मैं डर रहा था। क्या महामहिम मुझे अपनी श्रेष्ठता का अनुभव कराना चाहते हैं?

 

यदि वे अपराह्न में भी आएंगे तो मैं उनकी प्रतीक्षा करूँगा। मैं बिलकुल बेहतरीन व्यवहार करने का ध्यान रखूँगा।

 

 


 

4.

 

मैं एकदम से दार्शनिकता के तीव्र बहाव में बह गया। यह महलों का युग नहीं हैं, निश्चय ही नहीं है, ही यह झोपड़ियों और धनुष बाणों का युग है। कुर्सियां धूल से अटी पड़ी हैं। मैंने अध्ययन किया, यात्रायें की और वापस गया; मैं एक अजनबी बन गया, प्रेम किया और संघर्ष किया। मुझे किसी दिन कभी इस बात का प्रतिदान मिलना चाहिए।

 

क्या तुम नृत्य करते हो?

 

क्षमा कीजिये मुझे कभी इसका अवसर नहीं मिला, यद्यपि मैं सीखना चाहता था।

 

मैं बाड़े की ओर बढ़ा और दरवाजे पर जोर दिया। वह आराम से खुल गया। 

 

खरगोश, भिन्न भिन्न आकार और रंगों के खरगोश इधर उधर भागने और अपनी बिलों में छिपने लगे। उस क्षण के प्रभाव स्वरूप मुझे आनंद और हँसी का दौरा सा पड़ गया। मैं जोर जोर से हँसने लगा। यहाँ अभिरुचियाँ एक जैसी थीं यद्यपि मेरी माँ का बाड़ा थोड़ा बड़ा था।

 

अपने को सुरक्षित समझ कर खरगोश अपने बिलों से बाहर आने और जमीन और पुवाल को सूंघने लगे। मैं भी एक पालतू प्राणी हूँ। मुझे भी अपनी झोपड़ीहमारी झोपड़ी.. की याद आने लगी। ओह, महामहिम, मैं आप से प्रार्थना करता हूँ कि आप मुझ पर आक्रमण करें, मेरे कपड़े उतार कर मुझे नग्न करें, मुझ से मत खेलें, मेरे पिछवाड़े बन्दूक लगाएं। मैं आपके बराबर नहीं हूँ। यदि आप चाहते मैं आपको उन महिलाओं की मनोरंजक कहानियां सुनाता हूँ जो मेरे जीवन से गुजरीं हैं।

 

मैंने हाथ बढ़ाया और एक खरगोश को उसके कान से पकड़ लिया। वह छटपटाया फिर स्थिर हो गया। उसकी देह गर्म और मुलायम थी,  सफ़ेद, सुन्दर और गुदगुदी। मैंने उसे छोड़ दिया और वह एक तीर की भांति अपने छुपाने की जगह की ओर भाग गया। एक और खरगोश जो थोड़ा शैतान था, उसने मुझे खरोंच दिया। मैं उसे पकड़ पाने में सफल नहीं हो पाया।

 

अपने पैंट के कसे होने के बावजूद, मैं नीचे झुक गया और उनके नेता को घेरने लगा। वह वापस नहीं भागा बल्कि आक्रामकता से पलटवार करने लगा। मैंने उस पर दोनों हाथों से आक्रमण किया। उस ने मुझे घायल कर दिया।  यह क्या था? मेरे हाथ में एक घाव, जो हाथ कल से ही, अपने को मेरे भविष्य के ससुर का अभिवादन करने के लिए तैयार कर रहा था।

 

मैंने उस खरगोश को एक ही झटके में कान से पकड़ा और ऊपर उठा दिया। वह चीखा। वह गहराई से चीखा, अपने को मेरी पकड़ से आजाद किया और अपनी बिल में कूद गया।  एक बार फिर खरगोश, सारे खरगोश गायब हो गए। मैंने अपना हाथ पोछा और बाहर चला आया, महामहिम पाशा के आगमन की प्रत्याशा में।

 

5. 

 

खरगोशों के साथ खेलना ध्यान बटाने वाला था लेकिन इस से मेरे भीतर की बेचैनी नहीं दूर हुई। मैंने अपना हाथ धोने और शांत होने की इच्छा की। मैंने तब तक बाग़ में तलाश जारी रखी जब तक मुझे एक नल नहीं मिल गया। मैंने कोशिश की लेकिन वह नहीं खुल पाया। मैं नल को तब तक घुमाता रहा जब तक वह मेरे हाथ के साथ ही घूम कर पाइप से टूट कर अलग नहीं हो गया। पानी नहीं था। एक सिंचाई की टोंटी थी जो कीचड़ में गहरे धंसी थी। मैं पाइप के साथ चलने लगा और वह मुझे मधुमक्खियों के एक छत्ते की ओर ले गया। जंगली कीटों की भिनभिनाहट ने मुझे डरा दिया। बेचैनी के साथ मैं वापस उसी छतरी के नीचे गया। 

 

मैंने रुमाल निकाला (इसे मैंने कल शाम ही बीस पेंस में ख़रीदा था) मैंने उस हाथ को साफ करना चाहा जो अभिवादन हेतु बढ़ाया जाने वाला था (निश्चय ही बढ़ाया जायेगा) एक छिपकली छत से ज़मीन पर कूदी और खरपतवार के एक ढेर की ओर भाग गयी।

 

क्या मेरे प्रिय ससुर अभी अपनी नींद से नहीं जागे हैं? संभवतः महाप्रभु इस मसले पर अपनी पुत्री के साथ विमर्श कर रहे हैं। संभवतः वे मेरे स्वागत के सही तरीके के सम्बन्ध में विमर्श कर रहे हैं।

 

एक सबसे विचित्र कहानी महामहिम तब की है जब मेरे गांव में मृत्यु नाच रही थी। जिससे भैसें, गायें, कुत्ते, बिल्लियां, खरगोश, भेड़ें और कौए ढेर के ढेर मर गए थे। लेकिन इस प्लेग का असर दो प्रकार के प्राणियों पर नहीं हुआ : मनुष्य और गधे। मैं इस बाग़ की देखभाल करना चाहूँगा, इस सारी अव्यवस्था, ज़मीन के खाली टुकड़ों और कूड़े के तमाम ढेर के बावजूद। मेरी माँ ने रसूल अल्लाह की कब्र के दर्शन हेतु तीस साल तक अल्लाह से प्रार्थना की थी। अधीर मत हो माँ : हम ईश्वर के गुप्त खजाने के खाते के नंबर के पास पहुंच रहे हैं।

 

मैं बेंत की एक कुर्सी पर बैठा लेकिन वह टूट गयी और उसके पुर्जे बिखर गए।

 

सक्रिय रहो वरना तुम जड़ हो जाओगे। मैंने अपनी जैकेट उतारी, एक पत्थर लिया और उसी से कीलों को ठोक कर कुर्सी ठीक करने लगा। सूरज गर्म हो गया और मैं पसीने से भीग गया। पीछे जब मेरे ससुर प्रधानमंत्री थे तब मैं एक पसीने से भीगा लड़का था जिसे उसकी बहन रोज सुबह दैरुत अस्पताल में बुखार का इंजेक्शन लगवाने ले जाती थी।

 

दूसरी कुर्सी भी हिल रही थी। मैंने उसको भी ठीक किया। अब क्या करने को था? क्यों अपने प्रिय ससुर जी को ही पुकारा जाए? बहुत हुआ महामहिम! एक दिन निश्चय ही, एक क्षण ऐसा आएगा जब आपकी आंखों की पुतली मेरे बिस्तर में होगी। मैंने आपकी तीन कुर्सियां ठीक की हैं और आपकी ऐसी कोई भी चीज ठीक कर सकता हूँ जो टूटी हुई है, अथवा कभी भी टूटेगी।

 


 

 

6.

 

 

बाड़े में से एक खरगोश निकला, उसने मुझ से अपने कान रगड़े और फिर भीतर भाग गया। मैंने अपनी कमीज उतारी और उसे अपनी जैकेट के बगल में छतरी से लटका दिया और बाड़े की ओर जाते खरगोश के पीछे भागा। खरगोश भयभीत हो गया और मेरी प्रसन्नता लौट आयी। बड़े खरगोश की खरोंच से अभी भी मेरे हाथ में दर्द हो रहा था।

 

जीवन में तुम्हारा लक्ष्य क्या है?

 

मेरा लक्ष्य है........ ईमानदारी से कहूँ तो अभी मैंने निर्णय नहीं किया है कि मेरा लक्ष्य क्या है। मैं खाता हूँ, पीता हूँ और (कभी कभी) बीयर के दो चार घूंट ले लेता हूँ। मैं दोस्तों को विदेशों से अपने लिए नशीली दवाइयां लाने के लिए मजबूर कर देता हूँ। परिस्थितियां मुझे कुछ महिलाओं से परिचित होने में मदद करती हैं। मैं लोगों के बारे में अखबार में समाचार पढ़ता हूँ। मैं अच्छे से सोता हूँ और जल्दी जाग जाता हूँ और छुट्टियों में (यदि मुझे याद रहा तो) मैं अपने परिवार से मिलने गांव जाता हूँ।

 

बहुत हो गए ये सवाल, महामहिम, और अब मुझे अपने खरगोशों के साथ खेलने के लिए अकेला छोड़ दीजिये।  बहुत अच्छा, यदि आप इतनी शिद्दत से जोर दे रहे हैं : मुझे आश्चर्य है श्रीमान, क्या कभी आपने बिस्तर के नीचे अकेले मोज़े को ढूंढा है?

 

खरगोश फिर से शांत हो गए थे और आगे कर अपने कान बाड़े के बाहर निकालने लगे थे। उनका नेता आगे आया और मुझे देख कर उसकी आंखें मेरी दिशा में ठहर गयीं। निश्चित हो जाने पर कि यह मैं ही हूँ, उसने अपनी बिल की ओर पीछे को दो छलांगे ली।

 

यदि मेरी मर्जी चले तो मैं इस बगीचे में तुम्हारे लिए मोलोखिया (एक तरह की सब्जी) रोप दूंगा हरामी खरगोश।

 

वह अवज्ञा से अपनी बिल के बाहर खड़ा रहा। मैंने उसके लिए अपना हाथ बढ़ाया और वह भी उस की ओर लपका। पूरे झुण्ड के कान खड़े हो गए। मेरा हाथ नेता पर पड़ा और वह चीखा, मेरे चेहरे की ओर उछला और पंजा मार दिया। मैंने उसे अपनी छाती पर पकड़ा और अपनी बाँहों से मरोड़ कर बाड़े में फेक दिया। वह किंकियाते हुए ज़मीन पर गिरा। मैं बिलों की ओर दौड़ा और मिटटी से उनके मुँह बंद कर दिए।  जो भीतर थे वे निश्चय ही प्रसन्नता से दूर होंगे और जो बाहर थे वे मेरे आक्रमण की जद में थे। कुछ खरगोशों ने छुपना चाहा लेकिन अपनी बिलों में जाने का रास्ता नहीं पा सके।

 

मैं वापस आया और मैंने बाड़े का दरवाजा बंद कर दिया। वह रोशनी से महरूम अंधकार से भरा हुआ था।

 

महामहिम, मैं आपको पांच सौ पौंड का दहेज अपनी प्रियतमा के एवज में दूंगा।

 

मैंने लम्बे कानों वाले सफ़ेद आतंक का पीछा करना शुरू किया। एक खरगोश ने मेरे कसे हुए जूते को सूंघा और मैंने अपना पैर उठाया और उस पर रख दिया जब तक कि उस का पेट फट गया और उसकी आंतें बाहर गयीं, उछलती, टकराती और चारो ओर बिखरती हुई। मैंने एक और को पकड़ा। एक हाथ में उसका कान और दूसरा हाथ उसकी गर्दन पर ताकि मैं गर्म जिन्दा हड्डी का टूटना सुन सकूँ।

 

मैं जानता हूँ महामहिम, कि प्रेम अकेला ही पर्याप्त नहीं है, लेकिन फिर भी, मेरे जल्दी ही होने वाले ससुर, मैं अपनी प्रियतमा को घोड़े पर बैठा कर अपहृत नहीं कर सकता क्योंकि मैं घोड़े की सवारी करना नहीं जानता।

 

प्रमुख खरगोश का सर मेरी हथेलियों के बीच चकनाचूर हो गया, और गहरा लाल रक्त उसके मुंह से पिचकारी की भांति निकला। सफ़ेद गर्वीले सिर से निकली चीख ने अँधेरे को चीर दिया, बिजली की लाइंस को हिला दिया, मेरे कानों को छेद दिया और मेरे मस्तिष्क में पैबश्त हो गयी। मेरा रक्त मुझे और जोर से दबाने हेतु उत्तेजित कर रहा था। हजार रातों के बाद लाखों रातें और पहली रात, सिर चमड़ी से अलग हो गया और रक्त की फुहार मेरी हथेली, मेरी बाँहों, मेरी छाती, मेरी नाक और आँखों पर पड़ी।

 

यद्यपि, महामहिम मुझे सुबह के सूरज की मुस्कुराहट, दोपहर में इसकी गर्मी की जलन और साँझ को इसकी प्रशंसा के गीतों की आदत सी पड़ गयी है - लेकिन गर्दन पकड़ने की आदी उँगलियों के लिए यह कठिन है कि इस श्वेत गर्माहट को भयभीत होने और कोनों में छिपने के लिए अकेला छोड़ दें।        

 

 

7.

 

 

मैंने बाड़े की दीवार के खम्भों के बीच से आती मरियल रोशनी में उनके शव इकट्ठा करने का प्रयत्न किया लेकिन मेरे सबसे प्रिय ससुर जी, मैं अपनी उँगलियों को आप से हाथ मिलाने लायक तैयार करने हेतु समय नहीं पा सका। सूर्यास्त होने वाला है इसलिए अब मुझे अपना जैकेट अपने कंधे पर लटकाने और दीवार फांद कर यहाँ से जाने दीजिए।

 

*****  

 

(इस पोस्ट में प्रयुक्त पेंटिंग्स स्व. विजेंद्र जी की हैं।)             

 

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