कँवल भारती का आलेख 'कफ़न का दलित पाठ'
मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित कहानीकार हैं। हिन्दी पट्टी का शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने प्रेमचंद की कहानियां न पढ़ी हों। उनकी कहानियों में सामाजिक सरोकार और पराधीन भारत की अनुगूंजें स्पष्ट तौर पर सुनी जा सकती हैं। लेकिन कुछ कहानियों विशेषकर 'कफन' कहानी को ले कर उनकी कड़ी आलोचना भी की गई है। प्रमुख दलित लेखकों ओम प्रकाश वाल्मीकि, धर्मवीर और कंवल भारती ने अपने तर्कों से इस कहानी की राहों को खोलने और इसकी सच्चाई को उजागर करने का प्रयास किया है। इसी क्रम में मुंशी प्रेमचंद की ’कफ़न’ कहानी पर ’आलोचना’ के अंक 74 (जुलाई-सितम्बर 2023) में प्रकाशित प्रख्यात दलित लेखक कंवल भारती ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया था। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं कँवल भारती का आलेख 'कफ़न का दलित पाठ'। कफ़न का दलित पाठ कँवल भारती ‘कफ़न’ प्रेमचन्द की अंतिम कहानी है और सबसे विवादित। और विवाद का मुख्य कारण है उसका दलित पाठ। इस कहानी को पहली बार सवालों के घेरे में खड़ा किया था दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि ने। उन्होंने नागपुर के दलित साहित्य सम्मलेन में, जो अक्टूबर 1993 में हुआ था, ‘कफ़न’ ...