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रुचि भल्ला का संस्मरण 'दक्षिण भारत का आगरा : बीजापुर'।

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इतिहास किताबों से अलग हट कर उस स्थापत्य में भी है जो अपने समय की यादों को आज भी जीवन्त बनाए हुए हैं। भारत में जगह जगह पर ये ऐतिहासिक विरासत बिखरी हुई मिल जाएगी। बीजापुर अपने गोल गुम्बद के लिए विश्वविख्यात है। कवयित्री रुचि भल्ला ने बीजापुर की यात्रा के बाद एक रोचक संस्मरण लिखा है। आज पहली बार के पाठकों के लिए प्रस्तुत है रुचि भल्ला का संस्मरण 'दक्षिण भारत का आगरा : बीजापुर'। दक्षिण भारत का आगरा : बीजापुर रुचि भल्ला   तीन साल से फलटन में रहते हुए मेरा मन कर आया था महाराष्ट्र की हद से बाहर जाने का। महाराष्ट्र की हद के पार ही कर्नाटक राज्य की सीमा शुरु हो जाती है। कर्नाटक तो दिख भी सकता है महाराष्ट्र में रहते हुए पर इन दो राज्यों के बीच सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला की चिलमन चली आती है। चिलमन के उस पार बीजापुर शहर झाँकते हुए ऐसे दिखता है जैसे चाँद के चेहरे से धीरे-धीरे नक़ाब सरक रहा हो। बीजापुर का नाम लेने पर चाँद क्यों न याद आए , इस सरज़मीं पर चाँद बीबी के चलते पाँवों की निशानियाँ रही हैं। आदिल शाह की सल्तनत बीजापुर के नाम से इतिहास की कौन