आनन्द पाण्डेय का आलेख आरंभिक कम्युनिस्ट आन्दोलन (1920-1934) और मुस्लिम समुदाय

इसमें कोई दो राय नहीं कि भारत के इतिहास में कम्युनिस्ट आन्दोलन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. किसानों और मजदूरों जैसे शोषितों के पक्ष में आवाज उठाने और भूमि सुधारों की मांग करने के कारण कम्युनिस्ट आन्दोलन जनता में काफी लोकप्रिय भी हुए. हमारे युवा साथी आनन्द पाण्डेय ने भारत के 'आरंभिक कम्युनिस्ट आन्दोलन और मुस्लिम समुदाय' शीर्षक से एक महत्वपूर्ण शोधपरक आलेख लिखा है जिसे हम पहली बार के पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. तो आईए पढ़ते हैं यह आलेख आरंभिक कम्युनिस्ट आन्दोलन ( 1920-1934) और मुस्लिम समुदाय आनन्द पाण्डेय भारतीयों का वैज्ञानिक समाजवाद यानि मार्क्सवाद से परिचय सोवियत क्रांति से बहुत पहले हो गया था। यह वह समय था जब कार्ल मार्क्स और उनके साथियों द्वारा यूरोप में सैद्धान्तिक और व्यावहारिक स्तर पर समाजवाद को विश्व दृष्टिकोण के रूप में स्थापित किया जा रहा था। कुछ प्रबुद्ध कुलीन भारतीय बुद्धिजीवी यूरोप में चल रही गतिविधि के सम्पर्क में आये ईश्वरचन्द्र विद्यासागर , शशिपद बनर्जी , एस 0 एस 0 बंगाली , एन 0 एम 0 लोखण्डे , शिवनाथ शास...