ध्रुव हर्ष की कविताएं

ध्रुव हर्ष परिचय: ध्रुव हर्ष फिल्मकार, लेखक और कवि जन्म 1989, मनकापुर, गोंडा, (उत्तर प्रदेश) शिक्षा : डी. फिल (अंग्रेज़ी) इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से “महाभारत और समकालीन उपन्यासों पर।” वर्तमान समय में आई.सी.एस.एस.आर., नई दिल्ली में रिसर्च फेलो हैं, और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से “महाभारत में न्याय की अवधारणा” विषय पर ‘पोस्ट डॉक्टरेट’ कर रहे हैं। कृष्ण की यह विशेषता है कि वे हमारे सामने एक मिथकीय चरित्र की तरह आते हैं और वास्तविक चरित्र की तरह दिलो दिमाग में बस जाते हैं। यह चरित्र इतना आम हो जाता है कि कवि रसखान उनके बारे में अपने एक सवैये में लिखते हैं - 'ताहि अहिर की छोहरियाँ छछिया भरी छाछ पे नाच नचावै।' ईश्वर के बारे में एक सामान्य अवधारणा यह है कि वह सर्व शक्तिमान होता है। आमतौर पर ईश्वरीय यानी सामर्थ्यवान होते हुए भी कृष्ण किसी भी घटना को टालने का प्रयास नहीं करते। सब कुछ यथावत यानी प्रकृति के अनुरूप चलता रहता है। ध्रुव हर्ष कवि के साथ-साथ फिल्मकार भी हैं। इसीलिए उनकी कविताएं सिनेमेटिक प्रभाव लिए हुए लगती है...