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देवेन्द्र आर्य का आलेख 'दलित कविता बनाम जनवादी कविता: संदर्भ मलखान सिंह'

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  मलखान सिंह इस बात में कोई दो राय नहीं कि दलित कविता ने हिंदी कविता को एक नया आयाम प्रदान किया है. जनवादी कविता उस जन की बात करती है जो सर्वहारा है. देवेंद्र आर्य ने कवि मलखान सिंह के हवाले से दलित कविता बनाम जनवादी कविता की एक पडताल की है. आज पहली बार पर प्रस्तुत है कवि आलोचक देवेन्द्र आर्य का आलेख 'दलित कविता बनाम जनवादी कविता: संदर्भ मलखान सिंह.      दलित कविता बनाम जनवादी कविता: संदर्भ मलखान सिंह                                                                                             ...