नवमीत नव का आलेख “सृष्टि से पहले क्या था?”

बिग बैंग की काल्पनिक तस्वीर मनुष्य स्वभाव से ही चिंतनशील प्राणी है। विकास की प्रारंभिक अवस्था से ही मनुष्य ने इस बात पर चिंतन करना शुरू कर दिया था कि सृष्टि से पहले क्या था? हरेक सभ्यता खासकर मिस्र, रोम, अरब, चीन और भारत के बुद्धिजीवियों ने इस मुद्दे पर चिंतन करते हुए अपने अपने तर्क गढ़े और मिथक निर्मित किए। वैज्ञानिकों ने जब इस मुद्दे पर वैज्ञानिक तरीके से इस पर काम करना शुरू किया, तो पाया कि इसके लिए कुछ कारक जिम्मेदार हैं। इस क्रम में उन्होंने कई सिद्धान्त प्रतिपादित किए। 'बिग बैंग सिद्धान्त' से हम आम तौर पर परिचित ही हैं। अब एक और सिद्धान्त सामने आया है 'क्वांटम फ्लक्चुएशंस'। इन सारे पहलू पर बात करते हुए नवमीत नव ने एक रोचक आलेख लिखा है। नवमीत वैज्ञानिक विषयों पर सुविचारित और रोचक तरीके से लिखते रहे हैं। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं नवमीत नव का आलेख “सृष्टि से पहले क्या था?” “सृष्टि से पहले क्या था?” नवमीत नव यह सवाल लगभग हर सभ्यता और हर दौर के दार्शनिकों, ऋषियों और धर्मशास्त्रियों ने अपनी अपनी तरह से उठाया है। ऋग्वेद का नासदीय सूक्त (10...