सुप्रिया पाठक का आलेख 'अंबेडकर एवं स्त्री प्रश्न'

भीमराव अम्बेडकर ने हिन्दू समाज की रूढ़ियों को तोड़ने के लिए आजीवन कार्य किया। इस क्रम में उन्होंने समाज के अस्पृश्य, उपेक्षित तथा सदियों से सामाजिक शोषण से संत्रस्त दलित जाति को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य तो किया ही महिलाओं की मुक्ति के लिए भी प्रयास भी किए। वे जानते थे कि आधी आबादी की स्थिति में सुधार लाए बिना बेहतर समाज की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती। सुप्रिया पाठक ने जेंडर अध्ययन श्रृंखला के अन्तर्गत अम्बेडकर के उस चिन्तन पर विचार किया है जिसके अन्तर्गत उन्होंने स्त्री मुद्दों पर बात किया है। आज अम्बेडकर जयंती है। उनकी स्मृति को नमन करते हुए आज हम पहली बार पर प्रस्तुत कर रहे हैं सुप्रिया पाठक का आलेख 'अंबेडकर एवं स्त्री प्रश्न'। 'अंबेडकर एवं स्त्री प्रश्न' सुप्रिया पाठक भारतीय संदर्भ में जब भी समाज में व्याप्त जाति, वर्ग एवं जेंडर के स्तर पर व्याप्त असमानताओं और उनमें सुधार संबंधी मुद्दों पर चिंतन हो रहा हो तो डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारो...