नारायण देसाई का आलेख 'गांधी और सुभाष : भिन्न मार्गों के सहयात्री'
महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के दो प्रमुख स्तम्भ रहे हैं। दोनों की प्रकृति, दोनों के सिद्धान्त अलग अलग थे, इसके बावजूद सुभाष के मन में गांधी जी के लिए काफी आदर था। कल ही के दिन गांधी जी को एक कट्टरवादी ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। नारायण देसाई (24 दिसम्बर 1924 - 15 मार्च 2015) एक प्रख्यात गाँधीवादी थे। वे गाँधी जी के निजी सचिव और उनके जीवनीकार महादेव देसाई के पुत्र थे। नारायण देसाई भूदान आंदोलन और सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़े रहे थे और उन्हें "गाँधी कथा" के लिये भी जाना जाता है जो उन्होंने 2004 में शुरू की थी। नारायण देसाई गाँधी के आदर्शों पर अटूट श्रद्धा और विश्वास रखते थे। उन्होंने अपना जीवन महात्मा के बताये मार्ग पर व्यतीत किया और इन्ही आदर्शों का प्रसार करने में लगे रहे। देसाई गांधी शान्ति प्रतिष्ठान, गांधी विचार परिषद और गांधी स्मृति संस्थान से भी जुड़े रहे थे। इस आलेख को समता मार्ग, जनवरी 24, 2023 से साभार लिया गया है। आइए, आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं नारायण देसाई का आलेख 'गांधी और सुभाष : भिन्न मार्गों के सहयात्री'। ...