सदानंद शाही की कविताएं

सदानंद शाही प्रेम की जरूरत इस दुनिया को आज जितनी ज्यादा है उतनी पहले कभी नहीं थी। बात-बात को लेकर रिश्तो तक में खटास आम बात है। रचनाकार आम तौर पर उस प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहते हैं जो अब दूभर होता जा रहा है। हिंदी में प्रतीक चिन्हों का अपना एक खास मतलब होता है। कवि की नजरों से यह प्रतीक चिन्ह नहीं बचते और वह इन्हें रूपक की तरह इस्तेमाल करते हुए अपनी कविता का विषय बना लेता है। सदानंद शाही की एक उम्दा कविता है 'हाइफन'। यह 'हाइफन' सामान्यतया दो शब्दों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। कविता में कवि लिखते हैं : 'मेरा मन होता है/ कि हर जगह हाइफन लगा दूँ/ और/ सब कुछ को/ सब कुछ से जोड़ दूँ...।' आज सदानंद शाही का जन्मदिन है। पहली बार की तरफ से उन्हें जन्मदिन की बधाई एवम शुभकामनाएं देते हुए आज हम उनकी कुछ कविताएं प्रस्तुत कर रहे हैं। आज ही वाणी प्रकाशन से उनका चौथा कविता संग्रह 'संगतराश' जारी हो रहा है। इसी संग्रह का ब्लर्ब लिखा है उदय प्रकाश ने। आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं उदय प्रकाश की टिप्पणी के साथ सदानंद शाही की कुछ कविताए...