स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएं

 

स्वप्निल श्रीवास्तव 


बाजार का अपना अलग किस्म का तिलिस्म होता है। इसे आम जनता आसानी से इस तिलिस्म को समझ नहीं पाती। आजकल हर वर्ष विश्व सुन्दरी चुने जाने का प्रचलन चल पड़ा है। दुनिया में ऐसा कौन अभागा होगा जिसे सौन्दर्य पसन्द नहीं होगा। लेकिन इस चुनाव का भी अपना एक बाजारू पैमाना है। जिनका इन प्रतियोगिताओं में चयन होता है वे सुंदरियां अक्सर अविकसित या विकासशील देशों की होती हैं जहां सौंदर्य प्रसाधन बेचने वाली कंपनियों की नजर उनके बड़े बाजार पर टिकी होती है। वे किसी भी कीमत पर फायदा कमाना चाहती हैं। सच कहा जाए तो इस तरह की प्रतियोगिताओं के आयोजकों के लिए सौन्दर्य एक ढोंग की तरह है। उनका मुख्य लक्ष्य कमाना है। स्वप्निल श्रीवास्तव हमारे समय के ऐसे कवि हैं जिनकी नज़र इस तरह के हर छल प्रपंच पर भी है। वे जीवन में ही नहीं, देश दुनिया में घटित होने वाली घटनाओं को सहजता से कविता में ढाल देने का हुनर रखते हैं। आज कवि का जन्मदिन है। प्रिय कवि को पहली बार की तरफ से जनमवार की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं। तो आइए आज पहली बार पर हम पढ़ते हैं कवि स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएं।




स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएं


 फ़ोटो 


किसी  महानुभाव के साथ 

नहीं है मेरी फ़ोटो कि 

उसे ड्राइंग रूम में लगा कर 

गौरवान्वित हो सकूं  


मैनें किसी मठाधीश का चरण रज 

अपनी बरौनीयों से नही उठाया है 

कि इस दृश्य को कैमरे में कैद कर 

उसे वाइरल करवा सकूँ 


मुझे किसी के बैशाखी की जरूरत नहीं है 

मैं अपने पाँवों चल सकता हूँ 

विकलांग लोगों को यह सौभाग्य 

मुबारक हो 


हाँ! मेरी बैठक में उन अपढ़ 

दोस्तों के फ़ोटो जरूर हैं 

जिनके साथ मैं धूल भरी पगडंडियों में 

खेलते हुए बड़ा हुआ हूँ 


मेरे एल्बम में दिख जाएंगे 

नदियों, जंगलों, बाग बगीचों और 

परिंदों के चित्र 

खोजिए तो उनके बीच मैं भी 

मिल जाऊंगा 


किसी भी सभा में मैं महापुरूषों से 

दूर रहता हूँ 

मैं उनके किसी काम का 

नही हूँ, न मुझे उनसे कोई 

काम है 


फोटोग्राफरों से निवेदन है कि 

उनके साथ मेरी फ़ोटो उतार कर 

मुझे अपमानित न करें 



तुम गुमान में न रहो 


तुम किसी तरह के गुमान में 

न रहो 

तुम्हें किसी दिन गिरफ्तार 

किया जा सकता हैं 


उनके पास तुम्हें गिरफ्तार करने की 

बहुत सी वजहें हैं 


तुम चांद देख रहे होगे 

तो कहा जाएगा कि तुमने 

टैक्स नहीं अदा किया है 


झरने से पानी पी रहे होंगे तो 

यह वजह बता दी जाएगी कि 

तुमने अनुमति नहीं ली है 


तुम किसी राष्ट्रीय खलनायक को 

देख कर मुस्करा रहे होगे 

तो कहा जाएगा कि तुम्हारा 

मुस्कराना असंसदीय है 


तुम कहां तक बचोगे 

लोग तुम्हारे घर को खंगाल 

डालेंगे और वहाँ कोई न कोई 

आपत्तिजनक चीज मिल ही जाएगी 


अगर तुम बचना चाहते हो  

तो उनकी हर बात पर सहमत 

होना सीख जाओ 


वे रात को दिन और हिंसा को अहिंसा 

कहे तो मान लो कि वे सही कह 

रहे हैं 

तुम यह भूल जाओ कि तुम्हारे भीतर 

किसी आत्मा का वास है 






जब हम उदास होते है 


जब हम उदास होते हैं 

एक सुखद सूचना हमें मिलती है 

कि गरीब देश की एक लड़की 

विश्व सुंदरी चुन ली गयी है 


हम खिल उठते हैं 

भले ही लाखों लोगों के लिए 

रोटी नही बची हुई है लेकिन 

सौन्दर्य तो बचा हुआ है 

उसकी दमक में हम अपना चेहरा 

देख कर खुश हो लेंगे 


फिर सोचते हैं उसके बाद 

कहां जाएगी विश्व सुंदरी 


क्या कारपोरेट घराने उसे सेल्स गर्ल 

बना लेंगे 

जहां वह अपनी मुस्कान के साथ

उनके उत्पाद बेचने के लिए राजी 

हो जाएगी 

या कोई माफिया फिल्म् निर्माता 

अपनी फिल्म में उसे हीरोइन की भूमिका 

के लिए भारी कीमत देने को तैयार 

हो जाएगा?


अमीर लोग उसका चित्र अपने 

ड्राइंग रूम में लगाएंगे और जब वे 

अपनी पत्नी के साथ संवेदनशील 

क्षणों में होंगे तो उसके संग होने की 

कल्पना करेंगे  


इस तरह अपने दाम्पत्य के साथ 

छल करते हुए उन्हें किसी तरह की 

शर्मिंदगी नहीं महसूस होगी 

कुछ दिनों के लिए हमारा यथार्थ 

बदल जाएगा 

हम अपने जरूरी कामों को स्थगित 

उसके बारे में सोचना शुरू कर देगे 


चांद और रोटी के बीच बढ़ने 

लगेगी दूरी 



गणित 


जिंदगी में बहुत कुछ सीखा 

लेकिन गणित नहीं सीख पाया 

पहाड़ा पढ़ते-पढ़ते भूल जाता था 

गिनती 


जोड़ना-घटाना मेरे लिए बड़ी 

समस्या थी 

जिसे घटाना होता था उसे जोड़ 

देता था 

जिसे जोड़ना होता था उसे 

मूल से घटा देता था 


कुछ लोग जोड़-तोड़ में माहिर थे 

उन्हें कैलकुलेटर की जरूरत नहीं होती थी, 

 वे अपनी उंगुलियों से 

काम चला लेते थे 


जिन्हें गणित आती थी, वे अपने 

दोस्तों को घटा कर सफलता की 

सीढ़ियाँ चढ़ जाते थे 


मेरे लिए गणित एक निर्मम विधा थी 

उसमें भावुकता की कोई जगह 

नहीं थी इसलिए मैंने गणित को 

जानने की कोई कोशिश नहीं की 


मुझे गणित में असफल होने का 

कोई अफसोस नहीं था 

दुख यह था कि मेरे मित्र 

मित्र की जगह गणितज्ञ 

बन चुके थे 






जिराफ़ 


जिराफ़ कैसे संभालते होंगे 

अपनी लंबी गर्दन 

कैसे भरते होंगे डग?


उनकी देह से लंबी होती है 

उनकी गर्दन 

क्या सोते समय उन्हें तकलीफ 

नहीं होती होगी 


जंगल में उनसे लंबी गर्दन वाला 

कोई जानवर नहीं है 


उन्हें यह सुविधा तो है कि 

वे ऊंची जगहों से हासिल कर 

लेते हैं अपनी खुराक 


वे बच्चों के प्रिय जानवर हैं 

वे उन्हें उचक उचक कर देखते हैं 


बहुत खूबसूरत हैं उनकी धारियाँ 

जैसे किसी मशहूर पेंटर ने उसे 

रंगा हो 


गर्दन हमारी शान हैं 

उस पर टिके रहते हैं 

हमारे सर 


मैं उन लोगों की बात नहीं करता 

जिनके गर्दन और सर के बीच 

दूरी कम हैं 

उन्हें मुड़ने के लिए गर्दन नहीं 

पूरा चेहरा घूमना पड़ता है 



सावधान 


शब्दों, वाक्यों, संरचनाओं 

सावधान!

व्याकरणाचार्य मुआयने पर निकले 

हुए हैं 

अपना चाल–चलन दुरूस्त कर लो 

वरना दंड निश्चित  है 


मात्राओं उचित जगह पर लगो 

प्रश्नवाचक चिन्हों हिलो डुलो नहीं 

कायदे से खड़े रहो 

विस्मयबोधक चिन्हों जरूरत से ज्यादा 

न दिखाओ खौफ 


कोष्टको अपने हद में रहो 

छिदिर –बिदिर मत करो 

अर्द्धविरामों पूर्ण विराम बनने की 

कोशिश मत करो 


कामा, बिंदुओं इधर –उधर न भटको 

सही जगह का चुनाव करो 

व्याकरण की आचार संहिता का 

पालन करो 


तुम जरा भी पथ से विचलित हुए 

तो प्रूफ रीडर की सजा से 

बच नहीं पावोगे 


कवियों–लेखकों तुम भी सतर्क रहो 

वरना तुम्हारे खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि 

कर दी जाएगी 



झुकना 


वे जहां जाते थे 

झुक जाते थे 

मूर्तियों के सामने झुकना 

उन्हें विरासत में मिला था 


उन्होंने इस परंपरा का 

विस्तार किया और राजदरबारों 

में झुकने लगे 


झुकते–झुकते उनके घुटनों में 

दर्द होने लगा 

उन्हें झुकने में दिक्कत 

होने लगी 


हकीम ने उन्हें बताया कि 

यह सब झुकने का नतीजा है 

कभी-कभी खड़े रहने की 

कोशिश करिए 


वे सोचने लगे  कि उन्हें जो 

कुछ मिला है वह झुकने 

के कारण मिला है 

कहीं खड़े होने से वह गायब 

न हो जाये 



(इस पोस्ट में प्रयुक्त पेंटिंग्स कवि विजेन्द्र जी की हैं।)



सम्पर्क 

स्वप्निल श्रीवास्तव 

510 – अवधपुरी कालोनी – अमानीगंज 

फैजाबाद -224001 


मोबाइल – 9415332326





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