श्यामाचरण दुबे का आलेख ‘इतिहास बोध’
 
  श्यामाचरण दुबे       श्यामाचरण दुबे (25 जुलाई 1922 से 4 फरवरी 1996) की छवि आमतौर पर एक प्रख्यात समाजशास्त्री और साहित्यकार की रही है। ‘ भारतीय गांव ,   मानव और संस्कृति ,  परम्परा और इतिहास बोध ,  समाज और भविष्य ,  समय और संस्कृति ,  संक्रमण की पीडा ,  संस्कृति तथा शिक्षा उनकी चर्चित कृतियां रही हैं। इतिहास को ले कर उनका एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण आलेख है – ‘ इतिहास बोध ’ । यह आलेख मूलतः मध्य प्रदेश  उच्च  शिक्षा  अनुदान  आयोग , भोपाल द्वारा आयोजित संगोष्ठी ' इतिहास  के  नये  सीमांत '  में दिए गए आधार  वक्तव्य के रुप में था जिसे उनकी पुस्तक ' समय  और  संस्कृति '  में संकलित किया गया है। हमने इसी पुस्तकसे इस आलेख को साभार लिया है। आइए आज पहली बार पर पढते हैं श्यामाचरण दुबे का आलेख ‘ इतिहास बोध ’ ।             इतिहास  बोध       श्यामा  चरण  दुबे           इतिहास - बोध  और  ऐतिहासिक  दृष्टि  का  विश्लेषण  और  उनके  अलग - अलग  पक्षों  पर  विचार  करते  समय  एक  साथ  अनेक  प्रश्न  उठते  हैं  :       इतिहास  क्या  है  ? इतिहास  क्यों  ?   ...