दीपावली पर हिन्दी कविताएँ
 
             दीपावली पर पहली बार की तरफ से बधाई एवं शुभकामनाओं के साथ इस उत्सव पर कुछ महत्वपूर्ण कवियों की कविताएँ आप सब के लिए प्रस्तुत है.          दीपावली पर हिन्दी कविताएँ      नजीर अकबराबादी      दिवाली   नज़ीर अकबराबादी     हमें अदाएँ दिवाली की ज़ोर भाती हैं।  कि लाखों झमकें हर एक घर में जगमगाती हैं।।  चिराग जलते हैं और लौएँ झिलमिलाती हैं।  मकां-मकां में बहारें ही झमझमाती हैं।।   खिलौने नाचें हैं तस्वीरें गत बजाती हैं।  बताशे हँसते हैं और खीलें खिलखिलाती हैं।। 1 ।।   गुलाबी बर्फ़ियों के मुँह चमकते-फिरते हैं।  जलेबियों के भी पहिए ढुलकते-फिरते हैं।।  हर एक दाँत से पेड़े अटकते-फिरते हैं।  इमरती उछले हैं लड्डू ढुलकते-फिरते हैं।।   खिलौने नाचें हैं तस्वीरें गत बजाती हैं।  बताशे हँसते हैं और खीलें खिलखिलाती हैं।। 2 ।।   मिठाइयों के भरे थाल सब इकट्ठे हैं।  तो उन पै क्या ही ख़रीदारों के झपट्टे हैं।।  नबात [1] , सेव , शकरकन्द , मिश्री गट्टे हैं।  तिलंगी नंगी है गट्टों के चट्टे-बट्टे हैं।।   खिलौने नाचें हैं तस्वीरें गत बजाती हैं।  बताशे हँसते हैं और खीलें खिलखिलाती हैं।। 3 ।...