सन्तोष कुमार तिवारी की कविताएं
परिचय
सन्तोष कुमार तिवारी नयी
कविता के युवा हस्ताक्षर हैं. इनके दो काव्य-संग्रह 'फिलहाल सो रहा था ईश्वर' और 'अपने-अपने
दण्डकारण्य' प्रकाशित हो चुके हैं.
पहली बार के पाठको को नये साल की मुबारकबाद देते हुए आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं युवा कवि सन्तोष कुमार तिवारी की नववर्ष पर चार अप्रकाशित कविताएं.
नववर्ष : चार अप्रकाशित
कविताएं
एक
ओ नववर्ष
नववर्ष आना
रथ पर सवार हो कर नहीं
पैदल आना 
मेरे वस्त्र मैले हैं
हाथ गंदे
रास्ते के काँटे जो बीने हैं
तुम्हारी आने की खुशी में 
हे नववर्ष पथ में बिछी पंखुरियाँ
और वंदनवार में टंके
फूल कुम्हलाने के पहले आना 
दो
आओ कोशिश करें....
अपनी समस्त मूढ़ताओं को
स्वीकारते हुए
चलो, कोशिश करे
ताकि कारगर साबित हों
प्रार्थनाएं 
मुरझायी आँखों और
कांपती पुकारों के हक में
भर दें ताजगी 
आओ कसम खायें
कोई भी बच्चा अब
बिन दवा 
बिन माँ-बाप के 
नहीं मरेगा अब 
तीन
इस साल
इस साल 
कुछ ज्यादा बधाईयाँ मिलेंगी
कुछ और पुराने दोस्त भी
गुलशन कुछ ज्यादा
महकदार औ;
हवाओं का  मचल कर 
खेतों को छेड़ने के किस्से 
सुनने को मिलेंगे 
दूरदराज़ के मेहमानों से
घर में नयी चहल-पहल के
संकेत हैं 
इस साल
और तमाम चीजें के अलावा
बच्चे खरीदेंगे गेंदें भी 
सूने मैदान
पैरों की धमक से भर जायेंगे 
निराश मत होना
पलकों पर सजे सपने
पूरे होने के दिन 
आने वाले हैं
चार
ओ आने वाले वर्ष
ओ आने वाले वर्ष
गाऊँगा तुम्हारे वास्ते एक गीत
जिसमें धरती
पहाड़ी झरने की मानिन्द
पावन दिखेगी
कुछ और गीत 
जो बिन गाये रह गये
उन्हें मयस्सर होगी आवाज़
इस नये साल पर 
सम्पर्क 
सन्तोष कुमार तिवारी
पीरुमदारा, नैनीताल
ई-मेल santoshtiwari913@gmail.com
फोन 09411759081, 08535059955

 
 
 
वाह मित्र सुंदर कविताएं पहले की तरह
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