भगवानदास मोरवाल के उपन्यास के विमोचन की एक रपट
भगवान दास मोरवाल हमारे समय के ऐसे लेखक हैं जिन्हें उनके लेखन से अलग से पहचाना जा सकता है । 'काला पहाड़' उपन्यास से ख्याति पाने वाले मोरवाल जी का अभी हाल ही में नया उपन्यास छप कर आया है ‘नरक मसीहा’ नाम से । हाल ही में इस उपन्यास का विमोचन पटना पुस्तक मेले में हुआ । इस विमोचन की एक रपट पहली बार के लिए लिख भेजा है मित्र अरुण नारायण ने । आइए पढ़ते हैं यह रपट । शहजोर कलम के धनी हैं भगवानदास मोरवाल : नंदकिशोर नवल ‘किसी भी कथाकार की ताकत इस बात में निहित होती है कि उसकी कथा की संरचना कैसी है, वह लेखक दृश्य चित्रण में सफल है या नहीं। तीसरी बात कि वह संवाद प्रेषण में किस हद तक पटु है। ये तीनों ही विशेषताएं भगवानदास मोरवाल के उपन्यास ‘नरक मसीहा’ में अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँची हुई हैं। मोरवाल की कलम में बहुत ताकत है, बहुत शहजोर कलम है इनकी।’ उक्त बातें हिंदी के प्रख्यात काव्यालोचक श्री नंद किशोर नवल ने पटना पुस्तक मेले में भगवानदास मोरवाल के नए उपन्यास ‘नरक मसीहा’ के लोकार्पण समारोह के अपने अध्यक्षीय संबोधन में कही। मेले के मुख्य मंच से गत 14 नंबर को सा...